एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत हार्ट अटैक से नहीं, बल्कि उनकी गर्दन और लीवर में चोट लगने के बाद झटका लगने और रक्तस्राव के चलते हुई। मुंडे के पेट और गर्दन में अंदरूनी चोट लगी थी तथा मेरूदंड से जुड़े सी 1 और सी 2 (गर्दन के उपरी हिस्से में स्थित जोड़) के बीच सरवाइकल वर्टेब्रा टूटकर अलग हो गया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्दन की अन्य नलिकाओं के साथ जुड़ी गर्दन की बड़ी धमनी और मांसपेशियों तथा नलिकाओं के बाहर मौजूद रक्त भंडार में आघात पहुंचा था।
उल्लेखनीय है कि मुंडे का मंगलवार सुबह नई दिल्ली में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। मुंडे दिल्ली हवाईअड्डा जाने के लिए निकले थे, और सुबह करीब 6:20 बजे उनकी कार को पृथ्वीराज रोड तथा अरविंदो मार्ग के बीच एक अन्य कार (इंडिका) ने टक्कर मार दी। इसके बाद उनके निजी सहायक तथा निजी ड्राइवर उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर ले गए, जहां तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
(इनपुट भाषा से भी)
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