अलविदा जॉर्ज फर्नांडीज: इमरजेंसी में रेल पटरी उड़ाने के लिए 'डायनामाइट साजिश' रचने के आरोप में हुई थी जेल

फर्नांडीज सबसे पहले साल 1967 में लोकसभा सांसद चुने गए थे. रक्षामंत्री के अलावा उन्होंने कम्यूनिकेश, इंडस्ट्री और रेलवे मंत्रालयों की भी कमान संभाली है.

अलविदा जॉर्ज फर्नांडीज: इमरजेंसी में रेल पटरी उड़ाने के लिए 'डायनामाइट साजिश' रचने के आरोप में हुई थी जेल

जॉर्ज फर्नांडिस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक का भी काम बखूबी निभाया था.

खास बातें

  • 1967 में जीता था पहला लोकसभा चुनाव
  • आपातकाल के वक्त हो गई थी जेल
  • जेल से जीता था लोकसभा चुनाव
नई दिल्ली:

पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज (George Fernandes)का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया. जॉर्ज अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे और हाल में उन्हें स्वाइन फ्लू हो गया था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार (NDA Govt)में फर्नांडिज रक्षा मंत्री थे. फर्नांडीस का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर में हुआ था. वे अटल सरकार में मई 2004 तक रक्षामंत्री रहे. आखिरी बार वह अगस्त 2009 से जुलाई 2010 तक राज्यसभा के सांसद रहे थे. फर्नांडीज सबसे पहले साल 1967 में लोकसभा सांसद चुने गए थे. रक्षामंत्री के अलावा उन्होंने कम्यूनिकेश, इंडस्ट्री और रेलवे मंत्रालयों की भी कमान संभाली है. श्रमिक नेता के रूप में पहचान बनाने वाले फर्नांडिस 1967 से 2004 तक नौ बार लोकसभा के सदस्य बने. जॉर्ज फर्नांडिस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक का भी काम बखूबी निभाया था. 

जॉर्ज 1970 में समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता थे. समता पार्टी बनाने से पहले जनता दल के वरिष्ठ नेताओं में उनकी गिनती होती थी. 1930 में जन्में जॉर्ज ने रोमन कैथोलिक पादरी की ट्रेनिंग ली थी, तभी वे यूनियन पॉलिटिक्स की तरफ मुड़ गए. 1967 में वे मुंबई से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को हराकर संसद पहुंचे थे. उन्होंने 1974 में देशभर में रेलवे हड़ताल भी करवाई थी. 1975 में इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल के दौरान उन्हें जेल में डाल दिया गया था. उन पर सरकारी प्रतिष्ठानों और रेलवे पटरियों को उड़ाने के लिए 'बड़ौदा डायनामाइट षड्यंत्र' रचने का आरोप लगाया गया था. 1977 में उन्होंने जेल से ही चुनाव लड़ा था और बिहार के मुजफ्फरपुर से भारी मतों से जीत हासिल की. 

वाजपेयी सरकार में रक्षामंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडीज का 89 साल की उम्र में निधन, लंबे समय से अल्जाइमर से थे पीड़ित

जॉर्ज फर्नांडीज आपातकाल के हीरो बन गए थे, जब 1977 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री बनाया गया. इस दौरान उनका सबसे बड़ा कदम वह था कि उन्होंने कोका कोला और आईबीएम को झुकने पर मजबूर कर दिया था, क्योंकि इन कंपनियों ने अपने भारतीय सहयोगियों में अपनी हिस्सेदारी कम करने से मना कर दिया था, कोक ने उस वक्त भारत छोड़ दिया था और उसके दो दशक बाद वापस भारत में एंट्री मारी. 

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(पोखरण परमाणु परीक्षण स्थल पर तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी के साथ जॉर्ज फर्नांडीज के साथ.)

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में फर्नांडीज के रक्षामंत्री कार्यकाल के दौरान ही पोखरण में परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध हुआ था. साल 2004 में ताबूत घोटाला सामने आने के बाद उन्होंने रक्षामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. 

जॉर्ज के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताते हुए कहा, 'जॉर्ज साहब ने भारत के राजनीतिक नेतृत्व का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व किया. वे स्पष्टवादी और निडर, बेबाक और दूरदर्शी थे, उन्होंने हमारे देश के लिए अहम योगदान दिया है. वह गरीबों और हाशिए पर रहे लोगों के अधिकारों के लिए सबसे प्रभावी आवाज़ों में से एक थे. उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ.

इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके निधन पर कहा, 'पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज के निधन पर हार्दिक संवेदना. मेरे विचार और प्रार्थना उनके परिवार के साथ है. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.'

VIDEO- पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडीज का निधन

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