गौरी लंकेश हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एक संदिग्ध ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक पुलिस ने उसे एक्टिविस्ट और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की बात स्वीकारने के लिए 25 लाख रुपए का ऑफर दिया था. दूसरी तरफ, एक अन्य संदिग्ध ने भी दावा किया है कि उस पर आरोप स्वीकार ने के लिए दबाव बनाया गया. गौरी लंकेश हत्याकांड में कथित तौर पर शामिल शूटर्स में से एक परशुराम वाघमारे ने कोर्ट ले जाते हुए कहा, ' स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने हमें 25 लाख रुपये का ऑफर दिया.वहीं, दूसरे संदिग्ध मनोहर एदावे ने पूरे मामले में अपनी भूमिका से इनकार करते हुए कहा कि, 'उन्होंने हमारे ऊपर दबाव बनाया और कहा कि अगर मैं हत्या की बात स्वीकार नहीं करता हूं तो इसका खामियाजा मेरे परिवार को भुगतना पड़ सकता है'.
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हालांकि इस तरह के किसी आरोप या दावे का असर क्रिमिनल केस के ट्रायल के दौरान केस पर नहीं पड़ता है. गौरी लंकेश हत्याकांड को करीब से फॉलो करने वाले तमाम लोगों ने दोनों संदिग्धों के आरोप और दावों पर सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि पिछले 4 महीनों के दौरान संदिग्धों की कोर्ट में कई बार पेशी हुई लेकिन तब उन्होंने इस तरह के आरोप और दावे क्यों नहीं किए. गौरतलब है कि गौरी लंकेश को पिछले साल 5 सितंबर को बंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर में उनके घर के बाहर गोली मार दी गई. वह 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं. आपको बता दें कि पिछले महीने ही महाराष्ट्र पुलिस की एंटी टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) ने संदिग्ध राइट विंग संगठन के 3 लोगों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे. कहा जा रहा है कि उसमें से एक सुधनवा गोंधालेकर ने गौरी लंकेश, नरेंद्र दाभोलकर और एम एम कलबुर्गी की हत्या में अपनी भूमिका स्वीकार की है.
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VIDEO: गौरी लंकेश की हत्या को एक साल पूरा
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