बेंगलुरु (Bengaluru) में 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट (Bengaluru 2008 serial bomb blast) का भगोड़ा आरोपी 12 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा. आरोपी धमाके के बाद विदेश में जाकर छुप गया था. लेकिन ख़ुफ़िया एजेंसियों ने पिछले साल उसे ढूंढ निकाला और जैसे ही वो देश लौटा सोमवार को उसे तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया.
शोएब पिछले 12 सालों से पुलिस को चकमा देता रहा लेकिन आखिरकार सोमवार को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया जैसे ही वो दुबई से वापस लौटा. संदीप पाटिल संयुक्त आयुक्त क्राइम बेंगलुरु पुलिस ने बताया, " एक आरोपी जिसने सीरियल ब्लास्ट में अहम भूमिका निभाई थी वह 2008 में धमाके के बाद विदेश भाग गया था. पिछले साल सेंट्रल एजेंसी से हमें पता चला था कि वह कहां है.''
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पुलिस ने शोएब को रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है. शोएब पर आरोप है कि उसने 2008 में बेंगलुरु में हुए सीरियल ब्लास्ट की प्लानिंग के साथ साथ ना सिर्फ आतंकियों को असलहा, बारूद और रहने का ठिकाना मुहैय्या कराया बल्कि उनके भाग निकलने के लिए मदद की. कुल 32 में से 22 आरोपी पकड़े गए जो शोएब को मिलाकर 23 हो गए हैं.
बता दें कि 25 जुलाई 2008 में दोपहर डेढ़ बजे पहला धमाका हुआ था और इसके बाद शहर के अलग अलग हिस्सों में 6 और यानी कुल 7 धमाके हुए थे और बाद में एक ज़िंदा बम कोरमंगला में निष्क्रिय किया गया था. रिमोट डिवाइस से किए गए इन लो इंटेनसिटी धमाकों में 20 लोग घायल हुए थे और एक की मौत हुई थी.
मामला 12 साल पुराना है शोएब की फ़ाइल पुलिस के पास तो है लेकिन समस्या ये है कि जांच से जुड़े ज़्यादातर अधिकारी रिटायर हो चुके हैं. ऐसे में पुरानी कड़ियों को नए सिरे से जोड़ने की चुनौती पुलिस के सामने है.
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