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This Article is From Dec 08, 2015

पहली बार अपना घर खोने के कारण मैं काफी गुस्से में था : NDTV से बोले अभिनेता सिद्धार्थ

पहली बार अपना घर खोने के कारण मैं काफी गुस्से में था : NDTV से बोले अभिनेता सिद्धार्थ
तमिल सुपरस्टार सिद्धार्थ बोले, 'सोशल मीडिया वरदान और अभिशाप दोनों है'
चेन्नई: तमिल सुपरस्टार सिद्धार्थ ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि तमिलनाडु में आई बाढ़ ऐतिहासिक थी और पहली बार अपना घर खोने के कारण वे बहुत गुस्से में थे। उन्होंने कहा, वे उन गरीब लोगों के लिए भी दुखी थे, जिन्होंने एक दिन में अपना बहुत कुछ खो दिया।

सिद्धार्थ ने कहा, 'पहली बार अपना घर खोने के कारण मैं गुस्से में था। तीन स्टूडियो, तीन कार और फिर मैं उन मध्यवर्गीय लोगों के लिए भी बुरा महसूस कर रहा था जिन्होंने एक ही दिन में अपना बहुत कुछ खो दिया।' उन्होंने कहा, वे पिछले 6 दिन से अपने घर में नहीं थे। उनके घर में पानी भरा हुआ था। अभी-अभी पानी पूरी तरह से बाहर निकला है और कल शाम से ही बिजली वापस लौटी है।

सोशल मीडिया द्वारा उत्पन्न की गई जबरदस्त प्रतिक्रिया के कारण उम्मीद की किरण सिर्फ ये रही कि पहली बार किसी प्राकृतिक आपदा के दौरान पीड़ितों से ज्यादा बचावकर्मी वहां मौजूद थे। पिछले साल जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ के बाद ये प्रवृत्ति देखी जा रही है।

सोमवार को कुड्डलोर जिले में बाढ़ प्रभावित 15 गांवों का व्यापक दौरा करने बाद सिद्धार्थ ने कहा, राहत पहुंचाने के प्रयासों में एक तरफ तो सोशल मीडिया वरदान है तो दूसरी तरफ यह अभिशाप भी है। उन्होंने कहा, सोशल मीडिया पर अक्सर पुरानी जानकारी को ही बार-बार प्रसारित किया जाता है और इस तरह से कई बार प्रसारित जानकारी काफी पुरानी पड़ जाती है।

उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया, 'आज कोई एक मैसेज भेज सकता है कि फलानी जगह पानी की 5000 बोतलें चाहिए। यह मैसेज 6 दिन बाद भी सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा होगा। जबकि 6 दिन बाद किसी को उन 5000 पानी की बोतलों की जरूरत नहीं होगी और वे कूड़े के डिब्बे में जाएंगी।'

कुड्डलोर में राहत कार्यों पर बात करते हुए सिद्धार्थ ने कहा, 'यहां के हालात बुरे थे, लेकिन उतने भी बुरे नहीं थे जितना सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा था।' उन्होंने कहा, इस समय खाना आदि राहत सामग्री के बड़े-बड़े कंटेनर की जरूरत नहीं है, उन्हें तो हाईवे पर ही लालची लोग हड़प लेंगे और जरूरतमंद तक पहुंचने भी नहीं देंगे। इस वक्त लोगों को बिस्तर, कंबल और आश्रय की जरूरत है।

आखिरकार लोगों को आजीविका की जरूरत होगी, जिससे वे इस बाढ़ में खो चुके अपने घर बना पाएंगे। राहत कार्यों को लेकर तमिलनाडु सरकार की आलोचना भी हो रही है। जब सिद्धार्थ से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'जिस तरह से प्रशासन काम कर रहा है मुझे व्यक्तिगत तौर पर इसमें कोई कमी नहीं दिख रही है।'

सिद्धार्थ ने कहा, 'मैं न तो किसी सरकार के समर्थन में हूं न विरोध में। यह अपनी तरह की एक अनोखी आपदा है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी राज्य सरकार सिर्फ 5 दिन में सब कुछ इतनी आसानी से खत्म हो जाने देगी।' उन्होंने कहा, 'भारत अराजकता के सिद्धांत पर काम करता है, यह मानव की इच्छा से चलता है, जरूरी नहीं कि इसे प्रशासन चलाए।'

सिद्धार्थ ने वरिष्ठ अभिनेता कमल हासन के उस बयान पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसमें हासन ने कहा था कि राज्य की व्यवस्था चरमरा गई है।

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