आईटीबीपी के सहायक कमांडेंट दीपक सिंह और हेड कांस्टेबल कंवर सिंह को पुरस्कार दिया गया
नई दिल्ली:
देश की सरहदों की हिफाजत करने वाले बल आईटीबीपी के दो जवानों को पहली बार वीरता पुरस्कार से नवाजा गया है। साल 2014 में लद्दाख के चुमार क्षेत्र में चीनी सेना के साथ महीने भर के गतिरोध को खत्म करते समय हिमालय के बर्फीले इलाके में दृढ़ संकल्प दिखाने के लिए सहायक कमांडेंट दीपक सिंह और हेड कांस्टेबल कंवर सिंह को यह पुरस्कार दिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को अफगानिस्तान में भारत के हितों की रक्षा करने के दौरान बहादुरी के लिए या माओवादी हिंसा से जुड़े देश की आंतरिक सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए हमेशा सैन्य पदक समेत वीरता पुरस्कार मिले हैं, लेकिन इस बार बल को सीमाओं की रक्षा करते समय किए जाने वाले काम के लिए पहली बार वीरता पुरस्कार मिले हैं।
उन्होंने कहा, 'बल भारत-चीन सीमा पर कठिनतम कामों को अंजाम दे रहा है, जहां दोनों ओर के सुरक्षाकर्मियों के बीच गंभीर टकराव देखे गए हैं हालांकि कभी भी एक भी गोली नहीं चली है।'
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को अफगानिस्तान में भारत के हितों की रक्षा करने के दौरान बहादुरी के लिए या माओवादी हिंसा से जुड़े देश की आंतरिक सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए हमेशा सैन्य पदक समेत वीरता पुरस्कार मिले हैं, लेकिन इस बार बल को सीमाओं की रक्षा करते समय किए जाने वाले काम के लिए पहली बार वीरता पुरस्कार मिले हैं।
उन्होंने कहा, 'बल भारत-चीन सीमा पर कठिनतम कामों को अंजाम दे रहा है, जहां दोनों ओर के सुरक्षाकर्मियों के बीच गंभीर टकराव देखे गए हैं हालांकि कभी भी एक भी गोली नहीं चली है।'
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