कृषि कानून: सरकार-किसानों के बीच गतिरोध, बारिश और ठंड के बावजूद दिल्‍ली से लगी सीमा पर डटे 'अन्‍नदाता'

सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी.किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे.

कृषि कानून: सरकार-किसानों के बीच गतिरोध, बारिश और ठंड के बावजूद दिल्‍ली से लगी सीमा पर डटे 'अन्‍नदाता'

किसानों ने साफ कहा है, तीनों कृषि कानून वापस लेने तक वे आंदोलन खत्‍म नहीं करेंगे

खास बातें

  • दोनों पक्षों के बीच सातवें दौर की वार्ता भी रही बेनतीजा
  • कानूनों को पूरी तरह निरस्‍त करने की मांग कर रहे किसान
  • ठंड-बारिश के बावजूद पिछले 40 दिनों से डटे हुए हैं
नई दिल्‍ली:

Farmers Protest: जबर्दस्‍त सर्दी, बारिश और जलभराव की स्थिति में भी किसान, विवादित कृषि कानूनों (Farm Law) को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की अपनी मांग को लेकर दिल्ली से लगी सीमाओं पर डटे हैं. सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी.किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार कानूनों की ‘‘खामियों'' वाले बिन्दुओं या उनके अन्य विकल्पों पर चर्चा करना चाह रही थी. दोनों के बीच अब अगली बातचीत आठ जनवरी को होगी.

 हरियाणा में महिलाओं ने थामी स्टेयरिंग, ट्रैक्टर रैली की अगुवाई के लिए दी जा रही ट्रेनिंग

बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने पत्रकारों से बात करते हुए अगली बैठक में सकारात्मक वार्ता होने और समाधान निकलने की उम्मीद जतायी, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘समाधान पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों की ओर से प्रयास किए जाने चाहिए''. भीषण सर्दी के मौसम में विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले करीब 40 दिन से डटे हैं. इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं. शहर में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है, जिसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) ने शहर के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को बारिश से बचाने के लिये तंबुओं में अस्थायी ऊंचे बिस्तर उपलब्ध कराए हैं.तंबुओं के मुख्य मंच के ठीक पीछे और राजमार्ग के ढलान वाले हिस्से पर होने के कारण, वहां बारिश में जलभराव का खतरा बना रहता है.किसान पिछले साल नवम्बर से दिल्ली की कई सीमाओं पर डटे हैं और यातायात पुलिस के अधिकारी लगातार ट्विटर पर लोगों को बंद एवं परिवर्तित मार्गों की जानकारी दे रहे हैं.

किसानों ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ लंच से किया इनकार, कहा-आप अपना भोजन खाइए, हम अपना..

यातायात पुलिस ने मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. उसने कहा, ‘‘ कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर जाएं. मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है. आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें.''उसने ट्वीट किया, ‘‘ चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर नोएडा तथा गाजीपुर से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए बंद है. कृपया आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आएं.''उसने कहा कि टिकरी, ढांसा बॉर्डर पर यातायात पूरी तरह बंद है. यातायात पुलिस ने कहा, ‘‘ झटीकरा बॉर्डर केवल हल्के वाहनों, दो-पहिया वाहनों और राहगीरों के लिए खुला है.''उसने कहा कि हरियाणा जाने के लिए झाड़ोदा (वन सिंगल कैरिजवे), दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं.

नरेंद्र सिंह तोमर बोले, कृषि कानूनों पर अपनी आपत्तियों को लेकर आगे आएं किसान नेता

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)