कृषि कानूनों के खिलाफ अब बंगाल कूच की तैयारी, किसानों का एक ही मकसद- BJP को हराना

100 दिनों से भी ज्यादा वक्त से दिल्ली के तमाम बार्डरों पर कई महत्वपूर्ण रास्ते रोककर धरने पर बैठे किसान (Farmers Protest) अब पश्चिम बंगाल (West Bengal Assembly Elections 2021) के सियासी अखाड़े में कूदने जा रहे हैं.

कृषि कानूनों के खिलाफ अब बंगाल कूच की तैयारी, किसानों का एक ही मकसद- BJP को हराना

किसान नेता पश्चिम बंगाल जाने की तैयारी कर रहे हैं. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पश्चिम बंगाल जाने की तैयारी कर रहे किसान
  • 12 से 14 मार्च होंगे BJP के खिलाफ कार्यक्रम
  • BJP के खिलाफ वोट देने की करेंगे अपील
नई दिल्ली:

100 दिनों से भी ज्यादा वक्त से दिल्ली के तमाम बार्डरों पर कई महत्वपूर्ण रास्ते रोककर धरने पर बैठे किसान (Farmers Protest) अब पश्चिम बंगाल (West Bengal Assembly Elections 2021) के सियासी अखाड़े में कूदने जा रहे हैं. किसान 12 से 14 मार्च तक BJP के खिलाफ पश्चिम बंगाल में कई बड़े कार्यक्रम करेंगे. अब तक आपने किसान नेताओं को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी किसान महापंचायतों में देखा लेकिन अब राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव सरीखे नेता सबसे गर्म चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करते नजर आएंगे.

किसानों का कहना है कि अगर किसान बीजेपी को जिता सकते हैं तो हरा भी सकते हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा, 'हम किसानों ने बीजेपी को वोट की चोट देने का फैसला किया है. न तो ये न्याय की भाषा समझते हैं, न संविधान की, इसलिए पश्चिम बंगाल जा रहे हैं.'

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किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं और किसान पश्चिम बंगाल की सारी 294 सीटों में BJP के खिलाफ प्रचार करेंगे. यहां तक कि सबसे हाईप्रोफाइल सीट नंदीग्राम में भी किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव बीजेपी के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ प्रचार करेंगे.

किसान नेताओं के आधिकारिक कार्यक्रम के मुताबिक, 12 मार्च को कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस और गाड़ियों का मार्च निकाला जाएगा. दोपहर 3 बजे रामलीला पार्क में किसान महापंचायत होगी. 13 मार्च को नंदीग्राम में किसान महापंचायत होगी. 14 मार्च को सिंगूर और आसनसोल में किसान महापंचायत के आयोजन का ऐलान किया गया है.

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किसान संगठन पश्चिम बंगाल के बाद तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में भी बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेंगे. किसान संगठनों का कहना है कि वो लोगों से बिना किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील करेंगे.

गौरतलब है कि जब नोटबंदी के बाद बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव जीते थे, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि लोगों ने नोटबंदी के फैसले पर मुहर लगाई है तो किसानों को भी लगता है कि बीजेपी को इन पांच राज्यों में चुनाव हरवाकर ये संदेश दिया जाए कि जनता ने तीनों कृषि कानूनों को नकार दिया है.

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