संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा से कृषि कानून वापसी बिल पास कर दिया गया है. दोनों सदनों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा बिल पेश किया गया, बिल पेश होने के कुछ मिनट के भीतर ही उसे पास भी कर दिया गया. वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां बिल पर चर्चा के लिए अड़ी रहीं. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि बिना चर्चा के वापसी बिल पास करना संसद की परंपरा का उल्लंघन है. इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा देखने को मिला.
संसद का शीतकालीन सत्र सुबह 11 बजे शुरू हुआ. लोकसभा की कार्यवाही की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई. कुछ देर के बाद लोकसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
दोपहर 12 बजे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने लोकसभा में बिल पेश किया. पेश करने के 4 मिनट के भीतर ही बिल को पास कर दिया गया. वहीं, विपक्ष बिल पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करता रहा. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. 2 बजे सदन की फिर कार्यवाही शुरु हुई, लेकिन हंगामे की वजह से ज्यादा देर तक नहीं चल सकी. इसके बाद सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
लोकसभा के बाद दोपहर 2 बजे केंद्रीय मंत्री ने बिल को राज्यसभा में पेश किया. संसद के ऊपरी सदन में भी कुछ ही मिनट में बिल पास हो गया. इस दौरान भी विपक्षी दलों के सांसद बिल पर चर्चा की मांग करते रहे. लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई.
लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि साल 1961 से 2020 के बीच संसद में 17 रिपील बिल विस्तार से चर्चा के बाद पारित किए गए थे. हम मांग करते हैं कि राज्यसभा में जब सरकार द फॉर्म लॉज रिपील बिल लेकर आए तो उस पर चर्चा हो. यह संसद की परंपरा है. राज्यसभा में जब रिपील बिल आएगा तो हम इस मसले को उठाएंगे.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. इस विधेयक को चर्चा के बाद पारित कराने की बात कही गई लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है? कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि किसान कानून वापस लेने की मांग थी. विपक्ष ने भी कहा. जब हम वापस कर रहे थे तब उन लोगों ने हंगामा किया. क्यों विरोध कर रहे थे. जान-बूझकर हंगामा कर रहे थे.
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि अभी मामला सुलझा नहीं है. इसके आगे MSP का मुद्दा है, फसलों के वाजिब दाम का मुद्दा है, 10 साल पुराने ट्रैक्टर का मुद्दा है, सीड बिल का मुद्दा है. सरकार को हमसे बात करनी चाहिए. सरकार ने हमसे संपर्क नहीं किया.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार ने गलत किया है. इससे पहले कानून को रिपील करने के लिए लाए गए बिल पर लोकसभा में चर्चा हुई थी. हम किसानों के लिए एमएसपी कानून, आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है उनके परिवारजनों को मुआवजा जैसे मसले संसद में उठाना चाहते थे. लेकिन सरकार ने हमें मौका नहीं दिया. यह बहुत गलत हुआ है.
पीएम मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से रूबरू होते हुए कहा था कि संसद में सरकार हर सवाल का जवाब देगी. साथ ही कहा था कि सरकार हर विषय पर चर्चा करने को तैयार है. सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठे लेकिन सदन और स्पीकर की गरिमा का ख्याल रखें.
वहीं, विपक्षी दलों ने सत्र से पहले बैठक करके संसद में सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई थी. सत्र से पहले उन्होंने संसद परिसर में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया था.