कृषि कानून: किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने चलाया सोशल मीडिया अभियान, राहुल गांधी ने कही यह बात..

किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए.

कृषि कानून: किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने चलाया सोशल मीडिया अभियान, राहुल गांधी ने कही यह बात..

कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर किसान एक माह से अधिक समय से आंदोलनरत हैं (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पार्टी नेताओं ने की किसानों के पक्ष में आवाज बुलंद करने की अपील
  • कहा, शांतिपूर्ण आंदोलन होता है लोकतंत्र का अभिन्‍न हिस्‍सा
  • मोदी सरकार ने देश के अन्‍नदाता के साथ विश्‍वासघात किया
नई दिल्ली:

Kisan Aandolan: कांग्रेस ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में शुक्रवार को सोशल मीडिया अभियान चलाया जिसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लोगों से किसान आंदोलन के पक्ष में आवाज बुलंद करने की अपील की. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ‘किसान के लिए भारत बोले' अभियान के तहत वीडियो जारी कर कहा, ‘‘शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है. हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं, उसे देशभर से समर्थन मिल रहा है. आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी क़ानून ख़त्म हों.''

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कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा, ‘‘इस कंपकपाती ठंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप में किसान 42 दिनों से दिल्ली के निकट आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही. इस सरकार के लिये लोकतंत्र के अंदर जनता की आवाज का कोई मूल्य नहीं है.'' पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी इस अभियान के तहत अपनी बात रखी और लोगों से किसानों के साथ खड़े होने की अपील की.

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गौरतलब है कि किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को नए दौर की बातचीत हो रही है. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए. अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)