राकेश टिकैत के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी से पोस्ट की जा रही थीं अश्लील तस्वीरें, मामला दर्ज

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नाम से फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर उसमें अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने का मामला सामने आया जो कि थाने पहुंच चुका है. जांच जारी है.

राकेश टिकैत के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी से पोस्ट की जा रही थीं अश्लील तस्वीरें, मामला दर्ज

राकेश टिकैत के नाम से फर्जी आईडी बनाकर पोस्ट की जा रही थीं तस्वीरें

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नाम से फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर उसमें अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने का मामला सामने आया. इसे लेकर कौशांबी थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. बता दें कि खुद राकेश टिकैत भी आंदोलन को जबरदस्ती बंद करवाने के लिए चल रही साजिशों पर बयान दे चुके हैं.

उधर, किसान नेता राकेश टिकैत को लेकर बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने  विवादित टिप्पणी की है. राकेश टिकैत के आरोपों को नकारते हुए विधायक ने कहा कि वह भारतीय किसान यूनियन के नेता से ज्यादा 'बड़े किसान' हैं. क्योंकि उनके पास ज्यादा जमीन है. उन्होंने राकेश टिकैत पर व्यक्तिगत हमला भी किया. उन्होंने आरोप लगाया कि टिकैत सिर्फ 2000 रुपये के लिए कहीं भी चले जाते हैं. दरअसल, राकेश टिकैत ने विधायक और उनके समर्थकों पर आंदोलन कर रहे किसानों को धमकी देने और प्रदर्शन स्थल से जबरन हटाने का आरोप लगाया था.

बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि मैं भी किसान हूं. राकेश टिकैत मुझसे बड़े किसान नहीं हैं. उनके पास मेरे जितनी जमीन भी नहीं है. राकेश टिकैत को माफी मांगनी चाहिए. वह देश के किसानों को नहीं बांट सकते. इतिहास इसे याद रखेगा.

किसानों के आंदोलन के बारे में पूछे जाने पर विधायक ने कहा कि कौन कहता है ये किसान हैं, आप जाएं और देखें, वहां राजनीतिक दलों से जुड़े लोग बैठे हैं, वो किसान भी हो सकते हैं और मजदूर भी.

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बता दें कि पिछले हफ्ते प्रशासन द्वारा प्रदर्शन स्थल को खाली किए जाने की बात के बाद राकेश टिकैत कैमरे के सामने भावुक हो गए थे. उन्होंने आंदोलन को तोड़ने के लिए षड्यंत्र का आरोप लगाया था. इस पर विधायक ने कहा कि मैं टिकैत परिवार का सम्मान करता हूं, लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि राकेश टिकैत तो 2000 रुपये के लिए कहीं भी चले जाते हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. आप इस तरह के आरोप क्यों लगाते हैं? कल को आप कहेंगे कि आतंकवादी आपको मारने आए.  किसान आंदोलन को लेकर आप बवाल और हंगामा कर रहे हैं ये ठीक नहीं है. आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए.