राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करते हुए
नई दिल्ली:
जिस बात की चर्चा कांग्रेस में 2004 से ही शुरू हो गई थी आखिरकार आज वह अपने मुकाम पर आ गई है. राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है. शाहजाद पूनावाला की नाराजगी के बीच यह भी तय है कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे. 2006 में जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह कांग्रेस के अध्यक्ष बनना चाहते हैं तो उन्होंने इनकार कर दिया और कहा था कि वह आम जनता और अपने लोगों के बीच रहकर काम करना चाहेंगे. इसके बाद फिर चाहे 2009 का चुनाव या फिर 2014 का लोकसभा चुनाव, हर बार उनको पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की मांग भी होती रही है लेकिन राहुल ने कभी सरकार में रहकर काम नहीं किया. कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनने से पहले ही उनकी हैसियत कांग्रेस में नंबर दो की रही. हालांकि वह कांग्रेस के नेता हमेशा उन्हें 'सीखने' वाला नेता ही बताते रहे.
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राहुल गांधी का अब तक का राजनीतिक सफर
2004: राजनीति की शुरुआत, अमेठी से जीते
2012: यूपी चुनाव में नेतृत्व किया, सिर्फ 28 सीटें जीतीं
2013: कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए
2013: दाग़ियों पर आए अध्यादेश को बेकार बताकर पार्टी को शर्मिंदा किया
2014: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 44 पर सिमटी
2015: सूट-बूट की सरकार कहकर मोदी सरकार पर निशाना
2015: बिहार में गठबंधन में जीते
2017: 5 में से 4 राज्यों में हारे, यूपी में सिर्फ़ 7 सीटें
2017: पंजाब में अकाली-बीजेपी को हराया
गुजरात चुनाव : पीएम नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाया, कहा- हंसूं या रोऊं?
कांग्रेस में अहंकार था
अमेरिका की 'बहुचर्चित यात्रा' से लौटकर आए राहुल गांधी में गजब का बदलाव दिखा. उनके भाषण में गजब की धार दिखाई दी. उन्होंने खुले तौर पर स्वीकारा कि 2014 में कांग्रेस इसलिए हारी क्योंकि पार्टी में अहंकार था. इसके बाद तो उन्होंने ताबड़तोड़ बयान दिए और 'गब्बर सिंह टैक्स' और 'मोदी मेड डिज़ास्टर' जैसे चुटीले नारे दिये. कांग्रेस भी पहली बार सोशल मीडिया पर बीजेपी को टक्कर देती दिखाई दी. जुलाई 2017 से ट्वीटर पर 20 लाख फॉलोअर बढ़े.
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राहुल की रणनीति रही फेल, इन राज्यों में हारी कांग्रेस
2013 में राजस्थान, 2014 में आंध्र प्रदेश, 2014 में हरियाणा, 2014 में महाराष्ट्र, 2016 में केरल 2016 में असम, 2016 में जम्मू-कश्मीर, 2017 में उत्तराखंड, 2017 में मणिपुर, 2017 ंमें उत्तर प्रदेश,
गुजरात में कांग्रेस को 10 बातों का जरूर रखना होगा ध्यान, क्योंकि यह नरेंद्र मोदी का मैदान है
राहुल की अगुवाई में यहां मिली सफलता
2017-पंजाब, 2015-बिहार, 2016-पुड्डुचेरी
कहां है अभी कांग्रेस का शासन
पंजाब, कर्नाटक, मिज़ोरम, मेघालय, पुड्डुचेरी,हिमाचल प्रदेश
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राहुल गांधी के सामने हैं ढेर सारी चुनौतियां
राहुल गांधी गांधी उस समय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं जब गुजरात में चुनाव प्रचार चरम पर है. कांग्रेस वहां पर 22 सालों से सत्ता से बाहर है. इस बार अगर वह जीतती है तो यह राहुल की बड़ी उपलब्धि है. इसके अलावा 2018 में कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव भी होगा. इन चुनावों के लिए राहुल को चौबीसों घंटे वाला नेता बनना पड़ेगा और यूपीए में अपनी स्वीकार्यता बढ़ानी होगी.
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2013: कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए
2013: दाग़ियों पर आए अध्यादेश को बेकार बताकर पार्टी को शर्मिंदा किया
2014: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 44 पर सिमटी
2015: सूट-बूट की सरकार कहकर मोदी सरकार पर निशाना
2015: बिहार में गठबंधन में जीते
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2013 में राजस्थान, 2014 में आंध्र प्रदेश, 2014 में हरियाणा, 2014 में महाराष्ट्र, 2016 में केरल 2016 में असम, 2016 में जम्मू-कश्मीर, 2017 में उत्तराखंड, 2017 में मणिपुर, 2017 ंमें उत्तर प्रदेश,
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2017-पंजाब, 2015-बिहार, 2016-पुड्डुचेरी
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राहुल गांधी गांधी उस समय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं जब गुजरात में चुनाव प्रचार चरम पर है. कांग्रेस वहां पर 22 सालों से सत्ता से बाहर है. इस बार अगर वह जीतती है तो यह राहुल की बड़ी उपलब्धि है. इसके अलावा 2018 में कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव भी होगा. इन चुनावों के लिए राहुल को चौबीसों घंटे वाला नेता बनना पड़ेगा और यूपीए में अपनी स्वीकार्यता बढ़ानी होगी.
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