शनि शिंगणापुर मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर इलाके में है
मुंबई:
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर में लैंगिक भेदभाव के खिलाफ आंदोलन के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल ने दावा किया कि वह अपनी पत्नी के साथ मंदिर के चबूतरे तक गए थे। विखे पाटिल की टिप्पणी ऐसे दिन आई है जब अहमदनगर जिला प्रशासन ने कहा है कि इसने मंदिर के चबूतरे पर महिला श्रद्धालुओं के पहुंचने पर सदियों पुराने प्रतिबंध पर चर्चा करने के लिए प्रदर्शनकारियों और मंदिर प्रशासन को आमंत्रित किया है।
'यह कुछ नया है जो सही नहीं है'
विखे ने अपनी राय रखते हुए कहा ‘महिलाओं को चबूतरे तक मुक्त रूप से जाने देना चाहिए। मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के इस बयान का स्वागत किया है कि महिलाओं को पूजा अर्चना की इजाजत दी जानी चाहिए। असल में जब मेरी शादी हुई थी तब मैं अपनी पत्नी और पिता के साथ मंदिर के चबूतरे तक गया था।’ विखे ने कहा कि 'इस बात की जानकारी सभी उम्रदराज लोगों को हैं। वह अपनी बेटियों और पुत्रवधुओं को अपने साथ चबूतरे तक ले गए हैं। अब, कुछ नया आ गया है जो सही नहीं है। दरअसल, यह विवाद गलत है।'
वहीं शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने इस मसले पर एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें विवाद से जुड़े सभी पक्षों के लोग शामिल होंगे। यह बैठक अहमदनगर के डीएम के कहने पर बुलाई गई है जिसमें महिलाओं के द्वारा शनिदेव की शिला पर तिलाभिषेक करने के फ़ैसले पर बात होगी। गांववाले और ट्रस्टी इस बैठक में मिलकर यह तय करेंगे कि 400 साल पुरानी परंपरा को ख़त्म किया जाए या नहीं। गौरतलब है कि शनि मंदिर में महिलाओं को पुरुषों की तरह शनिदेव की शिला पर तिलाभिषेक करने पर रोक है। 26 जनवरी को पुणे की रहने वाली कम से कम 400 महिला स्वयंसेवियों ने चबूतरे तक पहुंचने की नाकाम कोशिश की थी जब पुलिस ने मार्च कर रहे लोगों को मंदिर से 70 किलोमीटर दूर सुपा गांव में रोक दिया था।
'यह कुछ नया है जो सही नहीं है'
विखे ने अपनी राय रखते हुए कहा ‘महिलाओं को चबूतरे तक मुक्त रूप से जाने देना चाहिए। मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के इस बयान का स्वागत किया है कि महिलाओं को पूजा अर्चना की इजाजत दी जानी चाहिए। असल में जब मेरी शादी हुई थी तब मैं अपनी पत्नी और पिता के साथ मंदिर के चबूतरे तक गया था।’ विखे ने कहा कि 'इस बात की जानकारी सभी उम्रदराज लोगों को हैं। वह अपनी बेटियों और पुत्रवधुओं को अपने साथ चबूतरे तक ले गए हैं। अब, कुछ नया आ गया है जो सही नहीं है। दरअसल, यह विवाद गलत है।'
वहीं शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने इस मसले पर एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें विवाद से जुड़े सभी पक्षों के लोग शामिल होंगे। यह बैठक अहमदनगर के डीएम के कहने पर बुलाई गई है जिसमें महिलाओं के द्वारा शनिदेव की शिला पर तिलाभिषेक करने के फ़ैसले पर बात होगी। गांववाले और ट्रस्टी इस बैठक में मिलकर यह तय करेंगे कि 400 साल पुरानी परंपरा को ख़त्म किया जाए या नहीं। गौरतलब है कि शनि मंदिर में महिलाओं को पुरुषों की तरह शनिदेव की शिला पर तिलाभिषेक करने पर रोक है। 26 जनवरी को पुणे की रहने वाली कम से कम 400 महिला स्वयंसेवियों ने चबूतरे तक पहुंचने की नाकाम कोशिश की थी जब पुलिस ने मार्च कर रहे लोगों को मंदिर से 70 किलोमीटर दूर सुपा गांव में रोक दिया था।
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