पूर्व सैनिकों ने कहना है कि कमजोर ओआरओपी योजना उन्हें मंजूर नहीं है
नई दिल्ली:
पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के क्रियान्वयन के लिए जारी अधिसूचना के खिलाफ मंगलवार को अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया। पूर्व सैनिकों ने जंतर मंतर से राष्ट्रपति भवन तक जुलूस निकाला और कहा कि कमजोर ओआरओपी योजना उन्हें मंजूर नहीं है।
पूर्व सैनिकों के मोर्चे के एक प्रवक्ता ने कहा, 'कमजोर ओआरओपी योजना के खिलाफ जंतर मंतर से राष्ट्रपति भवन तक एक विरोध जुलूस निकाला गया।' उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने की कोशिश करेंगे और अपने वीरता पदक और अन्य पदक उन्हें वापस कर देंगे।
दिल्ली पुलिस ने हालांकि विरोध जुलूस को राष्ट्रपति भवन पहुंचने से पहले ही रोक दिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपने पदक जलाने की भी कोशिश की, लेकिन अन्य प्रदर्शनकारियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन के महासचिव, ग्रुप कैप्टन वीके गांधी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और कमजोर ओआरओपी योजना उन्हें स्वीकार नहीं है। गांधी ने सवाल किया, 'ओआरओपी योजना को संसद से मंजूरी मिल चुकी है। फिर इस योजना में बदलाव क्यों किया गया? उन्होंने शर्ते क्यों जोड़ी?' उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है।
गांधी ने कहा कि पूर्व सैनिकों ने ओआरओपी योजना के क्रियान्वयन में सरकार द्वारा किए गए बदलावों पर पुनर्विचार करने की मांग की है। इसके पहले रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि ओआरओपी अधिसूचना का विरोध कर रहे पूर्व सैनिक भ्रमित हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को कोई मांग करने का अधिकार है, लेकिन सभी मांगें पूरी नहीं की जा सकतीं।
पूर्व सैनिकों के मोर्चे के एक प्रवक्ता ने कहा, 'कमजोर ओआरओपी योजना के खिलाफ जंतर मंतर से राष्ट्रपति भवन तक एक विरोध जुलूस निकाला गया।' उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने की कोशिश करेंगे और अपने वीरता पदक और अन्य पदक उन्हें वापस कर देंगे।
दिल्ली पुलिस ने हालांकि विरोध जुलूस को राष्ट्रपति भवन पहुंचने से पहले ही रोक दिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपने पदक जलाने की भी कोशिश की, लेकिन अन्य प्रदर्शनकारियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन के महासचिव, ग्रुप कैप्टन वीके गांधी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और कमजोर ओआरओपी योजना उन्हें स्वीकार नहीं है। गांधी ने सवाल किया, 'ओआरओपी योजना को संसद से मंजूरी मिल चुकी है। फिर इस योजना में बदलाव क्यों किया गया? उन्होंने शर्ते क्यों जोड़ी?' उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है।
गांधी ने कहा कि पूर्व सैनिकों ने ओआरओपी योजना के क्रियान्वयन में सरकार द्वारा किए गए बदलावों पर पुनर्विचार करने की मांग की है। इसके पहले रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि ओआरओपी अधिसूचना का विरोध कर रहे पूर्व सैनिक भ्रमित हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को कोई मांग करने का अधिकार है, लेकिन सभी मांगें पूरी नहीं की जा सकतीं।
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