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This Article is From Jun 03, 2012

सीबीआई ने जेल में बंद जगन से पूछताछ शुरू की

हैदराबाद: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच दिन की हिरासत के पहले दिन रविवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता वाईएस जगनमोहन रेड्डी से अवैध सम्पत्ति मामले में पूछताछ शरू की।

पूछताछ कारागार महानिदेशक के कार्यालय में ऑफिसर्स मेस में शुरू हुई, जो चंचलगुड़ा केंद्रीय कारागार से लगा हुआ है। जगन यहां 28 मई से कैद में हैं।  

जगन सुबह लगभग 10.30 बजे अपनी चिरपरिचित मुस्कान के साथ जेल से बाहर निकले। उन्होंने हाथ जोड़कर मीडियाकर्मियों का अभिवादन किया, उसके बाद सीबीआई अधिकारी उन्हें एक वाहन में लेकर चले गए।

भोजनावकाश के दौरान पत्नी भारती ने जगन से मुलाकात की। पुलिस ने पुलिस महानिदेशक कार्यालय के इर्दगिर्द सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे।

सीबीआई ने सुरक्षा की दृष्टि से पहले कोटी स्थित अपने कार्यालय या राजभवन मार्ग के दिलकुशा गेस्ट हाउस स्थित अपने शिविर कार्यालय में जगन से पूछताछ की योजना बनाई थी, लेकिन उसमें बदलाव किया।

चूंकि सीबीआई के दोनों कार्यालय भीड़भाड़ वाले इलाकों में हैं, इसलिए जगन को वहां पूछताछ के लिए ले जाने से स्थानीय लोगों को असुविधा हो सकती थी। इससे पूर्व तीन दिन तक की गई पूछताछ के दौरान दिलकुशा गेस्ट हाउस के आस-पास यातायात व्यवस्था बिगड़ गई थी।   

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने शनिवार को जगन को तीन जून से सात जून तक पांच दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। न्यायालय के निर्देशानुसार, पूछताछ सुबह 10.30 से अपराह्न पांच बजे तक दो वकीलों की उपस्थिति में होनी है।
सीबीआई को यह निर्देश भी है कि वह पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री का इस्तेमाल नहीं करेगी।

सीबीआई ने 27 मई को जगन को गिरफ्तार करने से पहले उनसे तीन दिनों तक पूछताछ की थी। लेकिन सीबीआई ने न्यायालय को बताया कि जगन ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया और उनकी 10 दिनों की हिरासत मांगी।

समझा जाता है कि सीबीआई के अधिकारी संयुक्त निदेशक वीवी लक्ष्मीनारायण के नेतृत्व में जगन से पूछताछ करेंगे। सम्भवत: जगन से उनकी विभिन्न कम्पनियों में किए गए निवेश के बारे में पूछताछ की जाएगी। इनमें से कुछ कम्पनियां विदेश में हैं।

पूछताछ के दौरान मुख्य रूप से वैनपिक की ओर से जगन की कम्पनियों में किए गए 840 करोड़ रुपये के निवेश के बारे में सवाल किए जाएंगे। वैनपिक को गुंटूर और प्रकाशम जिलों में दो बंदरगाह परियोजनाओं के लिए 20,000 एकड़ से अधिक भूमि आवंटित की गई थी तथा कुछ अन्य रियायतें भी दी गई थीं।

भूमि आवंटन और कुछ अन्य रियायतों के आदेश तत्कालीन निवेश एवं आधारभूत संरचना मंत्री मोपीदेवी वेंकटरमना ने दिए थे। वेंकटरमना को सीबीआई ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था। इस समय वह जेल में हैं।

सीबीआई का मानना है कि धन का हस्तांतरण लक्सेमबर्ग और मॉरीसस की कुछ कम्पनियों को किया गया और इसके बदले इन कम्पनियों ने हवाला के जरिए जगन की फर्मो में निवेश किया।

जांच एजेंसी का यह भी मानना है कि निवेश इन कम्पनियों को पहुंचाए गए फायदे के एवज में किया गया। जगन के पिता वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की तत्कालीन सरकार ने इन कम्पनियों के पक्ष में फैसले लिए थे।

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