चुनाव आयोग (ईसी) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे तथा राकांपा की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले द्वारा फर्जी हलफनामा दाखिल करने के आरोपों की जांच के लिए सीबीडीटी को ध्यान दिलाया है. सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि शिकायतें एक महीना पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को भेज दी गयी थी और हाल में एक स्मरण पत्र भेजा गया है. सीबीडीटी से उनके चुनावी हलफनामे के तहत बतायी गयी संपत्ति और देनदारी का सत्यापन करने का आग्रह किया गया है.
वर्तमान में जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 ए के तहत हलफनामा में गलत जानकारी देने के लिए दोषी पाए जाने पर छह महीने की जेल या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है. इस साल जून तक चुनाव आयोग शिकायत करने वालों को कथित फर्जी हलफनामे के मुद्दे पर सीधे अदालत जाने के लिए कहता था.
आयोग ने 16 जून को कहा था कि वह चुनावी हलफनामे में आपराधिक अतीत, संपत्ति, देनदारी और शैक्षणिक योग्यता की फर्जी सूचनाओं की शिकायतों का संज्ञान लेगा और मामले के हिसाब से इसे सक्षम एजेंसियों के पास भेज देगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं