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This Article is From Jul 22, 2015

'एक बिहारी सब पर भारी', अपने हर कार्यक्रम में बोलते हैं नीतीश कुमार

'एक बिहारी सब पर भारी', अपने हर कार्यक्रम में बोलते हैं नीतीश कुमार
नीतीश कुमार की फाइल फोटो
पटना: जब से बीजेपी ने स्‍पष्‍ट किया है कि वो बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और भले उनके पास एक दर्जन से अधिक कद्दावर नेता हों लेकिन उनमें से फ़िलहाल वो किसी को भी मुख्यमंत्री पद का उम्‍मीदवार नहीं बनाएगी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने हर कार्यक्रम में एक ही नारा देते हैं, 'एक बिहारी सब पर भरी।'

नीतीश का कहने का तात्पर्य यही होता है कि बिहार में उनके नाम की घोषणा के बाद खुद प्रधानमंत्री को अपने नाम पर वोट मांगना पड़ेगा। हालांकि बीजेपी का कहना है कि ये एक सोची समझी रणनीति के बाद लिया गया निर्णय है कि एक नेता को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने के बाद बिहार के बाकी बचे नेता या रूठ जाते या उस नेता की जड़ कमजोर करने में लग जाते।

लेकिन सोमवार को पार्टी के एक कार्यक्रम में नीतीश ने न केवल नया नारा दिया बल्कि बीजेपी के हाईटेक रथ, लालू यादव के टम-टम से प्रचार के जवाब में घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी साइकिल से गांव गांव में प्रचार करेगी। हालांकि नीतीश अपनी पार्टी के परचा पर चर्चा और दस तक कार्यक्रम से संतुष्‍ट दिखे लेकिन साइकिल से प्रचार कर वो जनता में ये संदेश देना चाहते हैं कि उनकी पार्टी गांव और गरीब लोगों से अभी भी जुड़ी है और उनके पास बीजेपी की तरह आर्थिक संसाधन का आभाव है।

नीतीश ने ये भी साफ़ किया कि उनके ट्वीट को गलत ढंग से लिया गया। उन्‍होंने कहा कि उनका, लालू यादव और कांग्रेस पार्टी के साथ जो गठबंधन है वो जहर की दवा है। साथ ही उन्‍होंने साफ़ किया कि सभी दल बीजेपी के खिलाफ मिल जुलकर एकजुट होकर रहेंगे। निश्चित रूप से नीतीश के पार्टी के एक कार्यक्रम से आने वाले दिनों में कार्यकर्ता ये उम्‍मीद करेंगे कि लालू यादव और नीतीश कुमार संयुक्त रूप से कब से चुनावी अभियान पर निकलेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो 15 महीनों के अपने शासन काल में पहली बार बिहार के दौरे पर शनिवार को पटना और मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे, उसके बारे में भी नीतीश ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वो उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

उन्‍होंने बीजेपी से पूछा कि उनके उस आरोप का क्या होगा जो उन्होंने पिछले साल उनके इस्तीफे के बाद कहा था कि नीतीश को प्रधानमंत्री का स्वागत करना होगा इसलिए उन्होंने जीतन राम मांझी को अपनी गद्दी दे दी। नितीश ने बीजेपी से पूछा कि वो मांझी को क्यों नहीं अपना मुख्यमंत्री पद का उमीदवार बना देते हैं।

सांसद के वर्तमान सत्र में चल रहे गतिरोध पर नीतीश ने बीजेपी से पूछा कि घोटाले पर उनका दोहरा नजरिया क्यों है? नीतीश ने प्रधानमंत्री मोदी को भगोड़ों का सरंक्षक तक बता दिया।

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