कोविड महामारी (Covid-19) ने सौ साल में पहली बार रेल के पहियों को इतने लंबे वक्त के लिए थाम दिया है. भारत की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेल को कोविड-19 ने खासा नुकसान पहुंचाया है. पैसेंजर ट्रेनों से होने वाली रेलवे (Railway) आमदनी में 87 फीसदी की कमी आई. फिलहाल कोविड के चलते केवल 1089 विशेष ट्रेनें ही चल रही हैं. रेलवे के करीब 30 हजार कर्मचारी काम के कौरान कोविड से संक्रमित हुए.
रेलवे बोर्ड चेयरमैन (Railway Board Chairman) वीके यादव ने कहा है कि राज्य सरकारों के साथ समन्वय बनाकर ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना को देखते हुए धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन सामान्य किया जा रहा है. देश भर में अभी एक हजार से ज्यादा ट्रेनें चल रही हैं. रेलवे को पैसेंजर ट्रेनों से कमाई में बड़ा नुकसान हुआ है. पिछले साल 53 हजार करोड़ रुपये रेलवे को पैसेंजर ट्रेनों से कमाई हुई थी. इस बार अभी तक केवल 4500 करोड़ की कमाई हुई है. पैसेंजर ट्रेनों से कमाई में 87 फ़ीसदी की गिरावट आई है. वही माल ढुलाई से राजस्व 9000 करोड़ रुपये कम हुआ है.
नेशनल रेल प्लान की तैयारी
रेलवे फ्रेट (मालगाड़ियों से ढुलाई) से अभी केवल 27 फीसदी सामान ही जाता है अब 2030 तक इसे 45 फीसदी तक करने का इरादा है. 2030 तक कार्बन उत्सर्जित (Carbon Emission) को कम कर सोलर पैनल से ज्यादातर बिजली पैदा करने का इरादा है.
सभी यात्रियों को कन्फर्म टिकट देना
वीके यादव ने कहा कि रेलवे का लक्ष्य है कि सभी रेल यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कन्फर्म रेल टिकट (Confirm Rail Ticket) दिया जाए. अभी हर साल करोड़ों की संख्या में टिकट कन्फर्म न होने के कारण रद्द हो जाते हैं. अगर ये कन्फर्म होते हैं तो रेलवे की कमाई भी बढ़ेगी.
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