मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर खिलाड़ियों की तरह फिल्म स्टार्स और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का भी डोपिंग टेस्ट कराने की मांग की है. सारंग ने पत्र में कहा कि आजकल युवाओं के आइकॉन फिल्म अभिनेता बन गए हैं. वे अपने फेवरेट फिल्मी सितारों की स्टाइल, ड्रेस आदि की कॉपी ही नहीं करते बल्कि उनकी जैसी लाइफ स्टाइल भी अपनाने लगे हैं. समाचार पत्र और न्यूज चैनलों में आए दिन फिल्मी सितारों की ड्रग पार्टियों के समाचार आते रहते हैं. सुशांत सिंह मामले में भी ड्रग से जुड़े होने की खबरें आ रही हैं. फिल्म स्टार्स में ड्रग का प्रचलन बढ़ने से देश के युवाओं पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है और वे भी इनसे प्रभावित होकर ड्रग्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
विश्वास सारंग ने कहा कि जैसा कि ज्ञात है कि खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए किसी भी खिलाड़ी का कभी भी डोप टेस्ट लिया जा सकता है. इसके लिए संबंधित फेडरेशन को जिम्मेदारी दी गई है. खिलाडियों का डोप टेस्ट विश्व डोपिंग विरोधी संस्था (वाडा) या राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी (नाडा) द्वारा किया जाता है. किसी प्रतियोगिता से पहले या प्रशिक्षण शिविर के दौरान डोप टेस्ट अक्सर लिए जाते हैं. दोषियों को 2 साल की सजा से लेकर आजीवन पाबंदी तक सजा का प्रावधान है. खिलाड़ियों में इस प्रकार का टेस्ट अनिवार्य होने से ड्रग पर लगाम लगी है.
सारंग ने कहा कि इसी प्रकार ज्ञात है कि कोरोना वायरस के चलते देश में हुए लॉकडाउन के बाद फिल्मों और टीवी सीरियल्स की अनलॉक 1 में कुछ अहम नियमावली के साथ शूटिंग की अनुमति दी गई थी, जिसमें प्रमुख शर्त थी कि सेट पर आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जाना जरूरी है और उसकी रिपोर्ट के बाद ही उन्हें सेट पर आने की अनुमति दी जाएगी. ऐसा ही ड्रग्स टेस्ट को लेकर किया जाये और फिल्म स्टार और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का फिल्म शूटिंग के समय डोप टेस्ट अनिवार्य किया जाए.
विश्वास सारंग ने कहा कि खिलाड़ियों की तरह किसी भी फिल्म स्टार्स का कभी भी डोप टेस्ट लिए जाने को लेकर नियम बनाया जाए और नशे से संबंधित किसी भी तरह की पार्टियों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए. इसके लिए समय-समय पर फिल्म स्टार और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी (नाडा) द्वारा डोप टेस्ट लिया जाए और दोषी पाए जाने पर दोषियों को 2 साल की सजा से लेकर फिल्म इंडस्ट्रीज में काम करने का आजीवन पाबंदी तक की सजा का प्रावधान किया जाए. इस प्रकार के प्रावधान से न सिर्फ फिल्म स्टार्स के बढ़ते ड्रग्स के प्रचलन पर अंकुश लगेगा बल्कि युवाओं को भी नशाखोरी की ओर जाने पर रोक लगेगी.
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