यह ख़बर 06 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आंध्र का विभाजन को रोकने के लिए सीएम रेड्डी की सोनिया को चिट्ठी

खास बातें

  • सोनिया गांधी को लिखे खत में आंध्र के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश को एक रहने दिया जाए। इस खत में आंध्र के कांग्रेस पार्टी प्रमुख और रायलसीमा के साथ तटीय आंध्र के कांग्रेस नेताओं के दस्तखत हैं।
हैदराबाद:

अब जब यह साफ हो गया है कि तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से काटकर अलग राज्य बनाया जाएगा, तब आंध्र प्रदेश कांग्रेस का एक धड़ा राज्य को बंटने से रोकने के लिए अंतिम प्रयास कर रहा है। इस धड़े में स्वयं मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी शामिल हैं जो कांग्रेस पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिलकर इस संबंध में एक आवेदन दिया है।

सोनिया गांधी को लिखे खत में आंध्र के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश को एक रहने दिया जाए। इस खत में आंध्र के कांग्रेस पार्टी प्रमुख और रायलसीमा के साथ तटीय आंध्र के कांग्रेस नेताओं के दस्तखत हैं।

खत में यह भी कहा गया है कि तेलंगाना को अलग करने की प्रक्रिया जब तक आरंभ न की जाए जब तक कि पार्टी द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति अन्य इलाके के लोगों की चिंताओं के बारे में कोई फैसला नहीं ले लेती।

पिछले हफ्ते अपने घरों के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शनों के बाद कांग्रेस के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने पार्टी तक छोड़ने की धमकी दी। इसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उनकी चिंताओं पर विचार करने की बात कही थी।

फिलहाल कांग्रेस के पास राज्य से 33 सांसद और उसमें से 19 तटीय आंध्र प्रदेश सऔर रायलसीमा से आते हैं। अब तेलंगाना विरोधी कांग्रेस के नेताओं को वाईएसआर कांग्रेस का भी साथ मिला है। मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी को खत भी वाईएसआर कांग्रेस के उस ऐलान के बाद आया जिसमें वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना के गठन का विरोध करने की बात कही।  

इससे पहले आंध्र प्रदेश की कांग्रेस ने इस बारे में कोई भी बात साफ नहीं कही थी। अब तक वह यह कह रही थी कि इस बारे में निर्णय लेना केंद्र के हाथ में है।

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एनडीटीवी से बात करते हुए जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य के लोगों के साथ अन्याय किया है।