भारत में 61 फीसदी घट गई गधों की तादाद, जानें यूपी-बिहार समेत किस राज्य में कितनी घटी आबादी

Donkey Population : चीन समेत कई देशों में गधों की खाल का अवैध कारोबार भी होता है और इसका नपुंसकता समेत कई तरह की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होता है. भारत से नेपाल औऱ वहां से चीन के रास्ते गधों की खाल का अवैध व्यापार फल-फूल रहा है.

भारत में 61 फीसदी घट गई गधों की तादाद, जानें यूपी-बिहार समेत किस राज्य में कितनी घटी आबादी

गधों का परिवहन में इस्तेमाल कम होता जा रहा है

नई दिल्ली:

भारत में गधों की आबादी में 61 फीसदी की गिरावट आई है. गधों का परिवहन में कम इस्तेमाल, चोरी, गैरकानूनी तरीके से बूचड़खानों में इनकी कटाई, चारे के लिए घटते मैदानों के कारण गधों की संख्या में 2012 से 2019 के बीच ये बड़ी गिरावट देखने को मिली है. अंतरराष्ट्रीय संस्था की शाखा ब्रूक इंडिया (Brooke India) की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है. संस्था ने भारत में गधों की मौजूदगी और उनके अवैध कारोबार को लेकर गहन अध्ययन किया है. संस्था ने महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों का दौरा कर गधों की गणना की. इसमें सामने आया कि वर्ष 2012 से 2019 के बीच गधों की संख्या दो तिहाई तक कम हो गई, मवेशियों की गणना के आंकड़ों से ये हिसाब लगाया गया है.

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अध्ययन में कहा गया है कि बढ़ती साक्षरता दर, ईंट के भट्टों में मशीनों का बढ़ता इस्तेमाल और परिवहन में गधों के इस्तेमाल का घटता प्रचलन जैसी कई अहम वजहें हैं, जिसके कारण लोग अब उन्हें पालना नहीं चाहते. इस कारण इन आबादी तेजी से घटी है. महाराष्ट्र में गधों की आबादी में सबसे ज्यादा करीब 40 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. आंध्र प्रदेश में तो यह गिरावट 53 फीसदी से ज्यादा की रही है.

राजस्थान में ये गिरावट 71.31 फीसदी, गुजरात में 70.94 फीसदी, यूपी में 71.72 फीसदी और बिहार में गधों की तादाद में 47.31 प्रतिशत की कमी इन आठ सालों में देखने को मिली है. नेपाल सीमा में आसानी से आवाजाही के बीच अवैध तरीके से गधों के मारे जाने की घटनाएं भी बढ़ी हैं. गधों के खरीदने-बेचने के मेले लगना भी बंद हो गए हैं. गधों के अवैध कारोबार, उनके रहने और खाने-पीने के ठिकानों में कमी और मांस की बढ़ती मांग के कारण सीमावर्ती इलाकों में उनकी तस्करी तेजी से बढ़ी है.

चीन समेत कई देशों में गधों की खाल का अवैध कारोबार भी होता है और इसका नपुंसकता समेत कई तरह की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होता है. भारत से नेपाल औऱ वहां से चीन के रास्ते गधों की खाल का अवैध व्यापार फल-फूल रहा है. इसके धंधे में लगे लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. 

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