यह ख़बर 08 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

डीएमके-कांग्रेस के बीच हो गया सीटों का बंटवारा

खास बातें

  • डीएमके और कांग्रेस के आला नेताओं ने अंतत: इस बात का फैसला कर लिया कि कांग्रेस 63 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
नई दिल्ली:

तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर तीन दिन से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को विराम देते हुए डीएमके और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर समझौता हो गया है और इसके अनुसार कांग्रेस को 63 सीटे मिलेंगी। डीएमके और कांग्रेस के आला नेताओं ने अंतत: इस बात का फैसला कर लिया कि कांग्रेस 63 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास के बाहर पार्टी नेता गुलाम नवी आजाद ने संवाददाताओं को इस बारे में जानकारी दी। कांग्रेस की सीटों की मांग में इस बार 15 का इजाफा हुआ है। 2006 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 48 सीटों पर किस्मत आजमाई थी। समझौते की घोषणा से पहले डीएमके नेता और केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने संसद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी से दो दौर में बातचीत की, जिसमें आजाद तथा सोनिया के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल भी मौजूद थे। समझौते के बाद सोनिया को धन्यवाद देने के लिए मारन और केंद्रीय मंत्री एमके अलागिरी कांग्रेस नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पहुंचे। इससे पहले, सीट बंटवारे पर बने गतिरोध के चलते डीएमके ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से अपने छह मंत्रियों के हटने की घोषणा की थी। पार्टी ने कांग्रेस पर गठबंधन खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। करुणानिधि ने शुक्रवार की रात को कहा था कि कांग्रेस अकारण सीटों की मांग बढ़ाती जा रही है। उसने पहले 50 से 53, उसके बाद 57 और अंत में 60 सीटों की मांग की। डीएमके अध्यक्ष का आरोप था कि जब 60 सीटों पर बात बन गई तो पार्टी ने 63 सीटों की मांग कर डाली। लेकिन, इस बारे में अभी स्पष्ट नहीं है कि दोनों पक्षों के बीच किस तरह का समझौता हुआ है और क्या कांग्रेस को उसकी पसंद के विधानसभा क्षेत्रों पर लड़ने की मंजूरी डीएमके ने प्रदान की है। यह भी नहीं बताया गया है कि कांग्रेस को अतिरिक्त तीन सीटें डीएमके के खाते में से मिलेंगी या वह अन्य सहयोगियों जैसे मुस्लिम लीग तथा पीएमके के लिए आवंटित सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।


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