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This Article is From May 21, 2020

घरेलू उड़ानों के टिकटों लिए सरकार ने बनाए 7 स्लैब, 2000 से 18,600 के बीच होगा किराया

घरेलू उड़ानों के टिकटों लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को 7 स्लैब बनाए. इसके मुताबिक टिकटों का किराया 2000 से 18,600 के बीच होगा..

घरेलू उड़ानों के टिकटों लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को 7 स्लैब बनाए.

नई दिल्ली:

घरेलू उड़ानों के टिकटों लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को 7 स्लैब बनाए. इसके मुताबिक टिकटों का किराया 2000 से 18,600 के बीच होगा.बता दें कि सोमवार से चरणबद्ध तरीके से घरेलू उड़ान का संचालन शुरू हो रहा है. इसे लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी और यात्रा से संबंधित SOP की जानकारी दी थी. इसके बाद डीजीसीए ने हवाई किराए की सात श्रेणी जारी की. 40 मिनट से कम समय में यात्रा पूरी होने वाली उड़ानों के लिए किराये की निचली सीमा 2000 रुपये और अधिकतम सीमा 6000 रुपये होगी. 

इसके अलावा 40 से 60 मिनट की दूरी वाली फ्लाइट्स के लिए कम से कम 2500 रु. और अधिक से अधिक 7500 रु. खर्च करने होंगे. 

वहीं दिल्ली-मुंबई जैसी 90 और 120 मिनट की दूरी वाली यात्रा के लिए 3500 रु. से लेकर 10 हजार रु. में टिकट उपलब्ध होगी.

अगर बात करें दिल्ली-बेंगलुरु जैसी 120 मिनट से 150 मिनट की दूरी वाली यात्रा की तो इसके लिए आपको कम से कम 4500 रु. और अधिक से अधिक 13 हजार रुपए खर्च करने होंगे. 

यदि किसी को 150-180 मिनट की यात्रा वाले रूट जैसे दिल्ली-इंफाल रूट पर यात्रा करनी है तो उसे कम से कम 5500 रु. टिकट के लिए देने होंगे. वहीं इस रूट पर सबसे महंगी टिकट का दाम 15,700 निर्धारित किया गया है. 

दिल्ली से कोयंबटूर जैसे 180-210 मिनट के सफर के लिए यात्री किराया कम से कम 6500 और अधिक से अधिक 18,600 निर्धारित किया गया है.

दरअसल सोमवार (25 मई) सुबह से हम जिस तरह हवाई यात्रा करते थे, वो पूरी तरह से बदल जाएगा. फ्लाइटें सभी रूट पर उड़ेंगी. पहले चरण में मेट्रो शहरों और नॉन-मेट्रो शहरों के बीच गर्मी के सीजन में पहले के मुकाबले सिर्फ 1/3 फ्लाइटों को उड़ने की अनुमति दी जाएगी. नॉन-मेट्रो शहरों के बीच फ्लाइटों की फ्रीक्वेंसी एयरलाइन्स तय करेंगी. नागरिक उड्डयन सेक्टर में क्वारंटाइन के वे सभी नियम लागू होंगे जो फिलहाल ट्रेन और विशेष बस सेवाओं में लागू हैं.

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि ''क्वारेंटाइन का पालन व्यवहारिक तरीके से किया जाएगा. जैसे कि यदि मैं केरल जाता हूं तो मुझे 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रहना होगा. और यदि मैं वापस आता हूं तो मुझे फिर से 14 दिन के क्वारेंटाइन में भेजा जाएगा? यह व्यवहारिक नहीं है.  जो बस और ट्रेन यात्रा के लिए क्वारेंटाइन के स्टेंडर्ड हैं वही सिविल एविएशन के लिए भी लागू होंगे. जो पॉजिटिव केस हैं या जिनमें सिम्टम्स हैं उन्हें फ्लाइट में बोर्ड नहीं करने दिया जाएगा.'' 

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