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This Article is From Nov 20, 2019

सबरीमला में दर्शन करने गया था मुंबई का श्रद्धालु, हुई मौत

भगवान अयप्पा के दर्शन करने के बाद लौट रहे मुंबई के 76 वर्षीय श्रद्धालु का दिल का दौरा पड़ने से बुधवार को निधन हो गया.

सबरीमला में दर्शन करने गया था मुंबई का श्रद्धालु, हुई मौत
प्रतीकात्मक तस्वीर
  • सबरीमला में दर्शन करने गया था मुंबई का श्रद्धालु
  • दिल का दौरा पड़ने से बुधवार को हुआ निधन
  • मृतक की पहचान एम वी बालन के रूप में हुई
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सबरीमला:

भगवान अयप्पा के दर्शन करने के बाद लौट रहे मुंबई के 76 वर्षीय श्रद्धालु का दिल का दौरा पड़ने से बुधवार को निधन हो गया. पुलिस ने बताया कि चेंबूर निवासी मृतक एम वी बालन को ‘डोली' पर ले जाया जा रहा था जब उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की. पुलिस ने बताया कि उन्हें आपात चिकित्सा केंद्र ले जाया गया और बाद में हृदय संबंधी केंद्र ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. सबरीमला में बुजुर्ग और शारीरिक रूप से अक्षम श्रद्धालुओं को पर्वत पर स्थित मंदिर तक ले जाने के लिए डोली व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाता है. 

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इससे पहले सबरीमला (Sabarimala) मंदिर को शनिवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. मंदिर के तंत्री (मुख्य पुरोहित) कंडरारू महेश मोहनरारू ने सुबह पांच बजे मंदिर के गर्भगृह के कपाट खोले और पूजा अर्चना की. केरल के पथनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट के आरक्षित वन क्षेत्र में स्थित मंदिर में केरल, तमिलनाडु और अन्य पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे. 

इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई कि 10 महिलाओं को पंबा शहर से वापस भेज दिया गया. इससे पहले केरल सरकार ने मंदिर में दर्शन करने आ रही महिलाओं को सुरक्षा देने में असमर्थता जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सबरीमला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मामले में दायर पुनर्विचार याचिका को बड़ी बेंच को सौंप दिया है.

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केरल के पथनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट के आरक्षित वन क्षेत्र में स्थित मंदिर में केरल, तमिलनाडु और अन्य पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे. तंत्री के ‘पदी पूजा' करने के बाद श्रद्धालु, जिन्हें दो बजे दोपहर को पहाड़ी पर चढ़ने की अनुमति दी गई, वे इरुमुडीकेट्टू (प्रसाद की पवित्र पोटली) के साथ मंदिर के पवित्र 18 सोपन पर चढ़ कर भगवान अयप्पा के दर्शन कर सकेंगे. 

नए तंत्री एके सुधीर नम्बूदिरी (सबरीमाल) और एमएस परमेश्वरन नम्बूदिरी (मलिकापुरम) ने बाद में पूजापाठ की जिम्मेदारी ली.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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