विज्ञापन
This Article is From Feb 28, 2020

Delhi Violence: घायल एसीपी की आपबीती, क्या हुआ था उस दिन जब हिंसक भीड़ ने घेरा...

एसीपी अनुज कुमार ने भजनपुरा चांदबाग इलाके में 24 फरवरी की हुई हिंसा में डीसीपी शहादरा अमित कुमार की जान बचाई थी

Delhi Violence: घायल एसीपी की आपबीती, क्या हुआ था उस दिन जब हिंसक भीड़ ने घेरा...
दिल्ली में 24 फरवरी को हुई हिंसा का एक दृश्य (फाइल फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
भीड़ के पास कुल्हाड़ी, फावड़ा, पत्थर और हथियार भी थे
हमले से हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई
अनुज कुमार के सर और पैर में काफी चोटें लगीं
नई दिल्ली:

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में एसीपी गोकुलपुरी अनुज कुमार घायल हुए हैं. उनके रीडर हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई है. उनके सामने ही डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा को जान से मारने की कोशिश हुई थी. अभी वे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. एसीपी अनुज कुमार ने बताया कि उस दिन के हालात में सोचा अपनी पिस्तौल से भीड़ पर फायरिंग करूं. पर फिर विवेक से काम लिया और फायरिंग नहीं की. भीड़ के बीच से बहुत मुश्किल से बाहर निकल सके.

एसीपी अनुज कुमार ने भजनपुरा चांदबाग इलाके में 24 फरवरी की हुई हिंसा में डीसीपी शहादरा अमित कुमार की जान बचाई थी. उन्होंने खुद उपद्रवियों के निशाने पर होने के बाबजूद डीसीपी शहादरा की जान बचाते हुए उन्हें अस्पताल पहुंचाया था. एसीपी अनुज कुमार के सर और पैर में काफी चोटें लगी हैं. वे घर पर बेड रेस्ट पर हैं.

हिंसा के दौरान एसीपी अनुज कुमार के साथ उनके आपरेटर रतन लाल भी मौजूद थे जो उपद्रवियों की गोली का निशाना बने. उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था.  एसीपी अनुज ने उस दिन के मंजर के बारे में हमें बताया. उन्होंने बताया कि कैसे उनको, उनके हेड कांस्टेबल रतन लाल और डीसीपी शहादरा को उपद्रवियों ने अपना निशाना बनाया.

दिल्ली में CAA को लेकर हुई हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत, 65 घायल- 10 खास बातें

आईपीएस अनुज कुमार ने बताया कि उस दिन भीड़ करीब 35 से 40 हजार लोगों की थी. भीड़ के पास कुल्हाड़ी, फावड़ा, पत्थर और हथियार भी थे. उन्होंने डीसीपी अमित कुमार को काफी पत्थर मारे. उनके मुंह से बहुत खून निकल रहा था. वे होश में नही आ रहे थे. उन्होंने बताया कि ''मैंने सोचा एक बार कि मैं अपनी पिस्टल से भीड़ पर फायरिंग करूं. पर फिर विवेक से काम लिया और फायरिंग नहीं की. भीड़ बहुत ज्यादा थी और लिंचिंग होने की आशंका थी.''

Delhi Violence : शिव विहार में दुकानें लूटीं, मकान जला दिए गए; अब तक खत्म नहीं हुआ डर

एसीपी ने बताया कि ''भीड़ ने हमें हर तरफ़ से घेर लिया था. हमारी गाड़ी हमारे पास नहीं आ पा रही थी. हम जैसे-तैसे बाहर आए. एक राह चलती गाड़ी की मदद से डीसीपी और रतन लाल को पहले एक पास के नर्सिंग होम में ले गए. मैक्स बहुत दूर था इसलिए फिर जीटीबी ले गए. मेरे हेड कांस्टेबल रतनलाल को गोली मारी, बहुत पत्थर मारे, जीटीबी अस्पताल में उसकी दर्दनाक मौत हो गई.''

CAA हिंसा में अपनी जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी को गृहमंत्री शाह ने लिखा पत्र, रतनलाल को बताया "सच्चा सिपाही"

उन्होंने बताया कि ''हम वहां गए थे जहां एंटी सीएए को लेकर प्रोटेस्ट हो रहा था. सामने उनकी भीड़ और पीछे रोड के डिवाइडर की ग्रिल थी जिसके बीच में हम फंस गए थे.''

bj0r503s

VIDEO : हिंसा में पुलिस कर्मी की मौत

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: