40 करोड़ की हेरोइन जब्त, दिल्ली-यूपी में पिछले 5 सालों से ड्रग सप्लाई कर रहे तस्कर गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने नारकोटिक्स ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करते हुए 2 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 10 किलो हेरोइन बरामद की है.

40 करोड़ की हेरोइन जब्त, दिल्ली-यूपी में पिछले 5 सालों से ड्रग सप्लाई कर रहे तस्कर गिरफ्तार

बरामद हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है.

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने नारकोटिक्स ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करते हुए 2 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 10 किलो हेरोइन बरामद की है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है. बरामद हेरोइन को म्यांमार से मणिपुर के रास्ते भारत में तस्करी कर लाया गया था. स्पेशल सेल के डीसीपी जसमीत सिंह के मुताबिक उनकी टीम इस सूचना पर काम कर रही थी कि मणिपुर, असम, यूपी, बिहार और दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स ड्रग कार्टेल सक्रिय है. इस कार्टेल के सदस्य म्यांमार से तस्करी कर मणिपुर में हेरोइन की सप्लाई करने में शामिल थे और आगे देश के अलग अलग हिस्सों में ड्रग्स की सप्लाई करते थे.

इस जानकारी को आगे 4 महीने तक विकसित किया गया. इस प्रक्रिया के दौरान, इस कार्टेल के सदस्यों की पहचान की गई और उनकी गतिविधियों को देखा गया. 24 मार्च को एक विशेष सूचना मिली कि इस गिरोह के दो सदस्य नजीर उर्फ ​​नाजिम और दिनेश सिंह ने झारखंड से हेरोइन की एक बड़ी खेप ली है. जानकारी के मुताबिक ये अपनी मारुति एसएक्स4 से आईएसबीटी सराय काले खां के पास अपने एक जानकार को ये खेप देने आ रहे थे. पुलिस टीम ने जाल बिछाकर कार में सवार 2 लोगों को पकड़ लिया. दोनों के बैग से 06 किलो हेरोइन यानी 3-3 किलो बरामद की गई. कार की तलाशी के दौरान कार की पिछली सीट के नीचे 4 किलो हेरोइन बरामद हुई.

गिरफ्तार दोनों सप्लायरों से पूछताछ में पता चला है कि वे एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स ड्रग्स कार्टेल के सदस्य हैं. दोनों ने पिछले 5 साल से दिल्ली एनसीआर और यूपी के कुछ हिस्सों में नशीली दवाओं की सप्लाई में शामिल होने का खुलासा किया है. उन्होंने आगे कहा है कि झारखंड के चतरा जिले से एक शख्स से ये हेरोइन खरीदी थी और उन्हें दिल्ली में एक शख्स को 6 किलो और गाजीपुर यूपी में एक शख्स को बाकी 4 किलो हेरोइन पहुंचानी थी. दोनों ने आगे खुलासा किया है कि  म्यांमार और मणिपुर में उनके हेरोइन सप्लायरों से संबंध हैं. म्यांमार से मणिपुर में लाई गई अधिकांश हेरोइन असम और अरुणाचल प्रदेश के आस-पास के राज्यों में भेजी जाती है और दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में नशीले पदार्थों की सप्लाई की जाती है. इस मामले की जांच में पता चला है कि झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों और मणिपुर के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में भी अवैध रूप से उगाई गई अफीम से हेरोइन बनाई जाती है. दोनों आरोपियों ने बताया कि वे झारखंड में कई लोगों से हेरोइन खरीदते थे.

दोनों ने ये भी खुलासा किया है कि म्यांमार और मणिपुर से तस्करी की गई हेरोइन की गुणवत्ता भारत में वैध खेती वाले क्षेत्रों में अफीम से निर्मित हेरोइन से काफी बेहतर है. यही कारण है कि म्यांमार और मणिपुर में निर्मित हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भारत में भी अत्यधिक मांग है. पिछले 5-6 सालों से ये पाया गया है कि ये म्यांमार से मणिपुर के रास्ते देश के अन्य हिस्सों में हेरोइन की तस्करी का प्रमुख नया मार्ग बन गया है. म्यांमार और मणिपुर से लाई गई हेरोइन न केवल लागत में तुलनात्मक रूप से सस्ती है, बल्कि उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूं, बाराबंकी, मध्य प्रदेश के मंदसौर और झालावाड़ के पारंपरिक क्षेत्रों में कानूनी रूप से उगाई गई अफीम से निर्मित हेरोइन की तुलना में अपेक्षाकृत बहुत अच्छी गुणवत्ता की है. 

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