देश की राजधानी दिल्ली में मेट्रो यातायात का एक बहुत लोकप्रिय साधन है, और रोज़ाना लाखों लोग इससे सफर करते हैं। दिल्ली में मेट्रो के आने के बाद भले ही आने-जाने में सुविधा ज़रूर बढ़ गई है, लेकिन यदि लापरवाही बरती जाए तो मेट्रो का सफर बेहद खतरनाक भी हो सकता है।
ऐसा ही एक मामला गुरुवार को सामने आया, जो मेट्रो में सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। गुरुवार सुबह गुड़गांव से जहांगीरपुरी (दिल्ली) के रूट पर चलने वाली एक मेट्रो ट्रेन के दरवाज़े बंद नहीं हुए और ट्रेन उसमें सवार सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में डालकर चलती रही।
सुबह लगभग 9:40 बजे अर्जनगढ़ स्टेशन से रवाना होते वक्त तक ट्रेन के बाईं ओर के दरवाज़े बंद नहीं हो पाए थे, और वह न सिर्फ चल दी, बल्कि पूरी रफ्तार पकड़कर अगले स्टेशन घिटोरनी तक पहुंच भी गई, लेकिन दरवाज़े बंद नहीं हुए। जब तक ट्रेन घिटोरनी पहुंचकर रुक नहीं गई, यात्रियों में खलबली मची रही, घबराहट फैली रही, लेकिन भाग्य से कोई हादसा होने का समाचार नहीं है।
हालांकि घिटोरनी स्टेशन पर पहुंचकर जब मेट्रो प्रशासन और ट्रेन के चालक स्टाफ को गलती का एहसास हुआ, मेट्रो को स्टेशन पर ही लगभग 15-20 मिनट तक रोके रखा गया। प्रथम दृष्टया यह ट्रेन ऑपरेटर की गलती मानी गई है, और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
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