यह ख़बर 23 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

प्यासी हो सकती है दिल्ली, प्रदुषण के कारण दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

दिल्ली वालों को पीने के पानी की किल्लत से दोचार होना पड़ सकता है, क्योंकि राजधानी में घर-घर पानी पहुंचाने वाली दिल्ली जलबोर्ड को अपने दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद करने पड़े हैं। वजह बनी है यमुना नदी में बढ़ता प्रदूषण।

दरअसल यमुना नदी की पानी में अमोनिया का स्तर अब तक के सारे रिकॉर्ड पार कर गई है। कायदे से पानी में 0.2mgl अमोनिया से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन ये स्तर 2.6mgl तक पहुंच गया है।

इसके लिए वे जिम्मेदार कंपनियां हैं, जो कचरा और प्रदूषण नदियों में धड़ल्ले से बहा रही हैं। दिल्ली जलबोर्ड का कहना है कि सोनीपत और पानीपत के नालों के जरिये सबसे अधिक खतरनाक तत्व यमुना में पहुंच रहे हैं और पानी लगातार दूषित हो रहा है। इन दो ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करने के चलते 220mgd पानी का उत्पादन नहीं हो पाएगा और असर सीधे तौर पर दिल्ली की उन एक तिहाई जनता पर पड़ेगा जो वाल्ड सिटी, सेंट्रल दिल्ली, साउथ दिल्ली, नॉर्थ दिल्ली और एनडीएमसी के इलाकों में रहते हैं। यह पहला मौका है जब वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को पूरी तरह बंद किया गया है। अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ।

जलबोर्ड का कहना है कि इनकी तरफ से यमुना में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर हरियाणा सरकार को अवगत कराया गया है, लेकिन अफसोस हालत में कोई सुधार नहीं।

जलबोर्ड का तो यहां तक कहना है कि दो साल पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री की एक मुलाकात के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से ये आश्वासन जरूर दिया गया कि यमुना नदी में पानीपत नाले से निकलने वाले कचरे को लेकर उचित कदम उठाया जाएगा, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं। एक बार फिर से इस हालात की जानकारी हरियाणा सरकार को दी गई है।

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अमोनिया के स्तर में गिरावट के बाद ही दोनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट फिर से सुचारू रूप से काम करेंगे। फिलहाल ये दोनों प्लांट अनिश्चिकालीन के लिए बंद हैं।