नई दिल्ली:
विदेशी चंदे के मामले में आम आदमी पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस मामले की सीबीआई से जांच कराने संबंधी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है।
सरकारों ने दी थी क्लीन चिट
याचिकाकर्ता ने 'आप' पर गैर-कानूनी तरीके विदेशी फंडिंग के आरोप अलावा याचिका में ग्रह मंत्रालय के अफसरों की भूमिका की भी जांच करने की मांग की थी। एनडीए और यूपीए सरकार ने भी इस मामले में हाईकोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में 'आप' को क्लीन चिट दी थी और कहा था कि पार्टी को विदेशों से जो चंदा मिला, वह भारतीय नागरिकों ने दिया था। इसे कानून का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता। अर्जी में कहा गया है कि एमएचए में इस मामले की सही और पूरी जांच नहीं की।
ये थे आरोप
गौरतलब है कि 'आप' को विदेशों से चंदे के मामले में हाईकोर्ट में 2013 से ही सुनवाई चल रही है। सुनवाई में पार्टी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था जबकि हाईकोर्ट ने सरकार से 'आप' को मिलने वाले विदेशी चंदे की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे। 'आप' ने कोर्ट में कहा था कि पार्टी को 30 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, जिसमें 8.5 करोड़ रुपये प्रवासी भारतीयों ने दिए। लोकसभा चुनाव के दौरान 7 मई 2014 को यूपीए सरकार के वक्त ग्रह मंत्रालय ने हाईकोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में कहा कि जांच में कोई गैर-कानूनी चंदा नहीं मिला है। अर्जी में अरविंद केजरीवाल के पिछले साल दुबई और अमेरिका के दौरे पर भी सवाल उठाया गया है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि ये रुपये किसी आतंकी संगठन के हो सकते हैं।
18 फरवरी को मोदी सरकार ने 'आप' को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि इस मामले में कुछ गैरकानूनी नहीं मिला। जिन सात लोगों ने चंदा दिया था वे भारतीय हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट ही हैं। इससे पहले यूपीए सरकार भी यही हलफनामा दाखिल कर चुकी है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 'आप' की विदेशी फंडिंग के बाबत जांच रिपोर्ट सीलबंद कवर में सौंपने का निर्देश दिया था।
'आप' ने कोई नियम नहीं तोड़ा
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा था। याचिका में विदेशी चंदे की सीबीआई जांच की मांग की गई है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान 'आप' के वकील ने कहा कि फर्जी कंपनियों के चंदे के मामले में पार्टी ने कोई नियम नहीं तोड़ा है। इस मामले की जांच केंद्र सरकार कर कही है और इस बाबत पार्टी को नोटिस भी भेजा गया था। पार्टी ने केस से संबंधित सारी जानकारी और कागजात सरकार को सौंप दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा गया कि राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे के मामले में पार्टी ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर एसआईटी से जांच कराने की मांग भी की है। वहीं याचिकाकर्ता ने कहा था कि चंदे के मामले में सरकार ने सही से जांच नहीं की है इसलिए सीबीआई से जांच होनी चाहिए।
सरकारों ने दी थी क्लीन चिट
याचिकाकर्ता ने 'आप' पर गैर-कानूनी तरीके विदेशी फंडिंग के आरोप अलावा याचिका में ग्रह मंत्रालय के अफसरों की भूमिका की भी जांच करने की मांग की थी। एनडीए और यूपीए सरकार ने भी इस मामले में हाईकोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में 'आप' को क्लीन चिट दी थी और कहा था कि पार्टी को विदेशों से जो चंदा मिला, वह भारतीय नागरिकों ने दिया था। इसे कानून का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता। अर्जी में कहा गया है कि एमएचए में इस मामले की सही और पूरी जांच नहीं की।
ये थे आरोप
गौरतलब है कि 'आप' को विदेशों से चंदे के मामले में हाईकोर्ट में 2013 से ही सुनवाई चल रही है। सुनवाई में पार्टी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था जबकि हाईकोर्ट ने सरकार से 'आप' को मिलने वाले विदेशी चंदे की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे। 'आप' ने कोर्ट में कहा था कि पार्टी को 30 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, जिसमें 8.5 करोड़ रुपये प्रवासी भारतीयों ने दिए। लोकसभा चुनाव के दौरान 7 मई 2014 को यूपीए सरकार के वक्त ग्रह मंत्रालय ने हाईकोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में कहा कि जांच में कोई गैर-कानूनी चंदा नहीं मिला है। अर्जी में अरविंद केजरीवाल के पिछले साल दुबई और अमेरिका के दौरे पर भी सवाल उठाया गया है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि ये रुपये किसी आतंकी संगठन के हो सकते हैं।
18 फरवरी को मोदी सरकार ने 'आप' को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि इस मामले में कुछ गैरकानूनी नहीं मिला। जिन सात लोगों ने चंदा दिया था वे भारतीय हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट ही हैं। इससे पहले यूपीए सरकार भी यही हलफनामा दाखिल कर चुकी है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 'आप' की विदेशी फंडिंग के बाबत जांच रिपोर्ट सीलबंद कवर में सौंपने का निर्देश दिया था।
'आप' ने कोई नियम नहीं तोड़ा
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा था। याचिका में विदेशी चंदे की सीबीआई जांच की मांग की गई है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान 'आप' के वकील ने कहा कि फर्जी कंपनियों के चंदे के मामले में पार्टी ने कोई नियम नहीं तोड़ा है। इस मामले की जांच केंद्र सरकार कर कही है और इस बाबत पार्टी को नोटिस भी भेजा गया था। पार्टी ने केस से संबंधित सारी जानकारी और कागजात सरकार को सौंप दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा गया कि राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे के मामले में पार्टी ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर एसआईटी से जांच कराने की मांग भी की है। वहीं याचिकाकर्ता ने कहा था कि चंदे के मामले में सरकार ने सही से जांच नहीं की है इसलिए सीबीआई से जांच होनी चाहिए।
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