
दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को 23-वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में हुए गैंगरेप के मामले में जिन आरोपों के तहत मुकदमा चलेगा, उसमें अधिकतम मौत की सजा हो सकती है। मामले की सुनवाई 5 फरवरी को होगी।
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इन आरोपियों पर गैंगरेप, हत्या सहित 13 अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे और इन्हीं पर कोर्ट ने फैसला किया।
इससे पहले, आरोपियों के वकीलों का कहना था कि पांच में से दो आरोपियों ने अपने जुर्म इसलिए कबूले हैं, क्योंकि पुलिस ने उन्हें कस्टडी के दौरान धमकाया। इसके अलावा इस मामले के छठे और नाबालिग आरोपी की सुनवाई अन्य आरोपियों के साथ कराए जाने की मांग को लेकर भी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है।
इस याचिका में कहा गया है कि इस आरोपी के अपराध को देखते हुए इसके मामले को भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए। इससे पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने छठे आरोपी को नाबालिग करार दिया था।
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर की रात राजधानी में एक चलती बस में 23-वर्षीय युवती के साथ छह दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसके साथ बर्बर व्यवहार किया था। उसके पुरुष मित्र की भी बुरी तरह पिटाई की गई थी। घटना के 13 दिनों बाद युवती ने सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था। सभी आरोपियों को 17 से 21 दिसम्बर के बीच गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना को लेकर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।
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