
74th Independence Day : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर देश की सेनाओं के लिए संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर आक्रमण किया, तो हर बार की तरह हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे. राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, दूसरों पर हमला करने के लिए नहीं. सेना के रहते हमारी एक इंच भूमि पर कोई कब्जा नहीं कर सकता. यदि किसी ने यह दुस्साहस किया तो उसे उसके भारी परिणाम भुगतने पड़े हैं और आगे भी भुगतने पड़ेंगे.
राजनाथ सिंह ने कहा, ''इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ने दूसरे देश की जमीन पर कब्जा करने के लिए आज तक कहीं भी और कभी भी हमला नहीं किया है. भारतवर्ष जमीन नहीं दिल जीतने में विश्वास रखता है. परंतु इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि हम अपने स्वाभिमान के ऊपर आंच आने देंगे.''
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उन्होंने कहा, ''हमारी सेनाएं राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी हैं, अत: मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार आपका मनोबल ऊंचा बनाये रखने और आपकी Operational Requirement को पूरा करने के लिए वह सब कर रही है जो जरूरी है. आज मैं गलवान में बलिदान देने वाले सैनिकों को विशेष रूप से स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि देता हूं. यह देश उनकी बहादुरी और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी भुला नहीं सकता.''
रक्षा मंत्री ने कहा, ''मैं उनके परिवारों को भरोसा देना चाहता हूं कि वे लोग अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है. खुशी की बात यह है कि राफेल के खेप आने शुरू हो गए हैं. दो सप्ताह पहले पांच राफेल विमान अम्बाला एयर बेस पर पहुंचे. बाकी के भी शीघ्र ही आने वाले हैं. भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है. इसके अतिरिक्त तमिलनाडु के तंजावुर में सुखोई MKI का 222 स्क्वाड्रन खड़ा किया गया है जो ब्रह्मोस मिसाइल से सुसज्जित है. इससे हिन्द महासागर में हमें Strategic Depth मिलती है.''
उन्होंने कहा, ''मई 2020 को वायु सेना स्टेशन सलूर के 18वें स्क्वाड्रन को एलसीए तेजस के दूसरे खेमे के माध्यम से Revive किया गया है. यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया एक बड़ा कदम है. साथ ही वायु सेना की क्षमता को और प्रबल बनाने के लिए 21 मिग 29 विमान खरीदने की भी मंजूरी दी गई है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन यानि सीमा सड़क संगठन के कर्मी भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने अत्यंत दुर्गम परिस्थितिओं में भी कैलाश-मानसरोवर यात्रा और सीमा क्षेत्र कनेक्टिविटी स्थापित कर नए युग की शुरुआत की. उन्होंने उत्तराखंड के धारचूला से सीमा रेखा तक 6,000 से 17,060 फीट की ऊंचाई पर 80 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया है जिसका मई महीने में मुझे उद्घाटन करने का अवसर मिला.''
इस महत्वपूर्ण रोड कनेक्टिविटी के पूरा होने के साथ ही स्थानीय लोगों एवं तीर्थयात्रियों के दशकों पुराने सपने और आकांक्षाएं पूरी हुई हैं. संपर्क सड़क के पूरा होने से यह मानसरोवर यात्रा एक सप्ताह में पूरी हो सकती है जिसे पूरा करने में पहले 2-3 सप्ताह लग जाया करते थे. पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उनके जन्मदिन पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग सुरंग का नाम ‘अटल सुरंग' कर दिया.
इस 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग के सितंबर 2020 तक पूरी होने की संभावना है. इसके बनने से मनाली और लेह के बीच सड़क मार्ग की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और लाहौल एवं स्पीति के बीच बारह महीने सड़क मार्ग खुला रहेगा.
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