लोकसभा में राफेल पर चली बहस का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने दावा किया कि यूपीए के समय जो कुछ हुआ, वो एक नॉन डील थी, जबकि एनडीए ने हर हाल में राफेल पर बेहतर सौदा किया. हालांकि राहुल गांधी ने फिर राफेल में ऑफसेट पार्टनर और प्रधानमंत्री की भूमिका पर सवाल खड़े किए.करीब दो घंटे तक रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन लोकसभा में बोलती रहीं.वो पूरी तैयारी से आई थीं, और उनके बयान में तारीखवार तथ्य भी थे और तेज़-तर्रार राजनीति भी.उन्होंने कहा, घपला बोफ़ोर्स में हुआ था, राफेल में नहीं. निर्मला सीतारमन ने कहा, "घोटाला राफेल नहीं, बोफ़ोर्स था. हमारे रक्षा मंत्रालय में दलाल नहीं हैं. हम रक्षा सौदा करते हैं, रक्षा की सौदेबाज़ी नहीं".
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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि यूपीए की डील में राफेल की बेसिक एयरक्राफ्ट की कीमत 737 करोड़ थी, जबकि एनडीए की डील में राफेल की बेसिक एयरक्राफ्ट की कीमत 670 करोड़ थी यानी 9% सस्ती, यानी एनडीए की डील बेहतर थी. उन्होंने विमानों की ख़रीद में देरी के लिए यूपीए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा दस साल तक यूपीए के समय गतिरोध बना रहा. कांग्रेस ने बस 18 उड़ने को तैयार विमानों की बात की थी तो हमने 36 विमानों का सौदा किया.यूपीए के समय 126 विमानों में जो 108 भारत में बनने थे, दसॉल्ट उनकी गारंटी लेने को तैयार नहीं था. रक्षामंत्री निर्मला ने कहा कि हमारा पहला विमान सितंबर में आ रहा है. 2022 तक सारे विमान समय से 5 महीने पहले आ जाएंगे. एचएएल पर कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहा रही है.हालांकि राहुल गांधी ने इस दौरान सवाल उठाया कि निर्मला सीतारमन ऑफसेट पार्टनर पर ख़ामोश क्यों हैं.लेकिन जब राहुल ने प्रधानमंत्री को आरोपों में घेरे में लिया तो निर्मला सीतारमन आक्रामक नज़र आईं.जाहिर है, लोकसभा में भले बहस पूरी हो गई हो, लेकिन ख़त्म नहीं हुई है.
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