नई दिल्ली:
केंद्रीय पर्यटन मंत्री के. चिरंजीवी ने शनिवार को मांग की कि हैदराबाद को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी या भारत की दूसरी राजधानी घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि हैदराबाद राज्य के तीनों क्षेत्रों तेलंगाना, आंध्र और रायलसीमा के लोगों से संबंधित है और इसीलिए इसे दोनों राज्यों की स्थायी संयुक्त राजधानी या बीआर अंबेडकर के एक समय दिए गए सुझाव के मुताबिक भारत की दूसरी राजधानी बनाया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा है कि हैदराबाद 10 वर्ष तक दोनों राज्यों की राजधानी रहेगा। इस अवधि में आंध्र प्रदेश अपनी राजधानी विकसित कर लेगा।
कांग्रेस के फैसले के खिलाफ इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर चिरंजीवी ने कहा कि यदि उनके इस्तीफे से समस्या का निदान होता है तो वे पद छोड़ने वाले सबसे पहले व्यक्ति होंगे।
अभिनय से राजनीति के मैदान में उतरे चिरंजीवी ने कहा कि सीमांध्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख के बयान की निंदा की। राव ने कहा था कि सीमांध्र के कर्मचारियों को हैदराबाद से वापस जाना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुद्दे को खटाई में डालने के लिए टीआरएस नेता भड़काऊ बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि तेलंगाना बन जाने के बाद वे राजनीतिक रूप से बेरोजगार हो जाएंगे।
कांग्रेस ने कहा है कि हैदराबाद 10 वर्ष तक दोनों राज्यों की राजधानी रहेगा। इस अवधि में आंध्र प्रदेश अपनी राजधानी विकसित कर लेगा।
कांग्रेस के फैसले के खिलाफ इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर चिरंजीवी ने कहा कि यदि उनके इस्तीफे से समस्या का निदान होता है तो वे पद छोड़ने वाले सबसे पहले व्यक्ति होंगे।
अभिनय से राजनीति के मैदान में उतरे चिरंजीवी ने कहा कि सीमांध्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख के बयान की निंदा की। राव ने कहा था कि सीमांध्र के कर्मचारियों को हैदराबाद से वापस जाना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुद्दे को खटाई में डालने के लिए टीआरएस नेता भड़काऊ बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि तेलंगाना बन जाने के बाद वे राजनीतिक रूप से बेरोजगार हो जाएंगे।
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