मोहम्मद अखलाक (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दादरी के बिसाहड़ा में हुए अखलाक के परिवार पर गोहत्या का मामला दर्ज करने का आदेश ग्रेटर नोएडा कोर्ट ने दिया। ग्रेटर नोएडा कोर्ट में चली तीन महीने की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मो. अखलाक समेत छह लोगों पर गोहत्या का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने जारचा थाने को आदेश दिए हैं कि मामला दर्ज करके जांच रिपोर्ट अदालत में जमा कराए।
दरअसल इस साल अप्रैल में मथुरा फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में कहा गया कि टेस्ट के लिए भेजा गया मांस गौ मांस था। इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर बिसाहड़ा के रहने वाले सूरजपाल ने मो अखलाक के परिवार पर गो हत्या का मामला दर्ज कराने की याचिका लगाई थी। हालांकि कानूनी जानकार मानते हैं कि मो. अखलाक की हत्या के मामले में नाबालिग समेत उन्नीस लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बता दें कि बिसाहड़ा गांव के लोगों ने आरोप लगाया था कि अखलाक के परिवार ने बकरीद पर एक बछड़े की हत्या की। गांव वालों का यह भी कहना था कि मांस अखलाक के घर से बरामद हुआ है।
अदालत में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान ये मामला सामने आया था कि जब 22 दिसंबर 2015 को विवेचना अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी तो उसमें ये जिक्र नहीं था कि तब तक मथुरा लैब से मांस की रिपोर्ट आ गई है। विवेचना अधिकारी ने अपने उसी रिपोर्ट में कहा था कि जब लैब की रिपोर्ट आ जाएगी तब वो इसे न्यायालय को सौप देंगे।
इस बीच आपको ये बता दें कि बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया था कि उन्हें आरटीआई के जरिए पता चला कि मांस का टुकड़ा बछड़े का है। गौरतलब है बिसाहड़ा गांव के कुछ लोगों पर आरोप है कि उन्होनें पिछले साल सितबंर में अखलाक की पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में अभी भी 17 लोग जेल में हैं।
दरअसल इस साल अप्रैल में मथुरा फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में कहा गया कि टेस्ट के लिए भेजा गया मांस गौ मांस था। इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर बिसाहड़ा के रहने वाले सूरजपाल ने मो अखलाक के परिवार पर गो हत्या का मामला दर्ज कराने की याचिका लगाई थी। हालांकि कानूनी जानकार मानते हैं कि मो. अखलाक की हत्या के मामले में नाबालिग समेत उन्नीस लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बता दें कि बिसाहड़ा गांव के लोगों ने आरोप लगाया था कि अखलाक के परिवार ने बकरीद पर एक बछड़े की हत्या की। गांव वालों का यह भी कहना था कि मांस अखलाक के घर से बरामद हुआ है।
अदालत में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान ये मामला सामने आया था कि जब 22 दिसंबर 2015 को विवेचना अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी तो उसमें ये जिक्र नहीं था कि तब तक मथुरा लैब से मांस की रिपोर्ट आ गई है। विवेचना अधिकारी ने अपने उसी रिपोर्ट में कहा था कि जब लैब की रिपोर्ट आ जाएगी तब वो इसे न्यायालय को सौप देंगे।
इस बीच आपको ये बता दें कि बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया था कि उन्हें आरटीआई के जरिए पता चला कि मांस का टुकड़ा बछड़े का है। गौरतलब है बिसाहड़ा गांव के कुछ लोगों पर आरोप है कि उन्होनें पिछले साल सितबंर में अखलाक की पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में अभी भी 17 लोग जेल में हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
ग्रेटर नोएडा, दादरी, बिसाहड़ा गांव, अखलाक अहमद, गोकशी मामला, Greater Noida, Dadri, Bisahda Village, Akhlaq Ahmad