ओडिशा के तट पर बुधवार सुबह लगभग नौ बजे दस्तक देने वाले चक्रवाती तूफान ‘यास' के मध्य रात्रि तक झारखंड पहुंचने की आशंका है. चक्रवात के प्रभाव से बुधवार सुबह से ही राज्य के अधिकतर स्थानों पर भारी वर्षा जारी है. यह जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने दी. झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान यास के बुधवार मध्य रात्रि के आसपास झारखंड पहुंचने की आशंका है. उन्होंने कहा कि पांच से छह घंटे तक इसका प्रभाव रह सकता है जिसके चलते कोल्हान क्षेत्र के जिलों पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा और बोकारो, खूंटी आदि में 60 से 90 किलोमीटर तक की तेज रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और तेज बारिश होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि इन जिलों में निचले क्षेत्रों में एवं कच्चे मकानों तथा झोपड़पट्टियों में रहने वाले लोगों को बड़ी संख्या में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
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झारखंड में मौसम विभाग के प्रमख अभिषेक आनंद के अनुसार राज्य के कुछ क्षेत्रों में हवा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी रह सकती है. उन्होंने बताया कि आज सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक पूर्वी सिंहभूम में कुल 56 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गयी जबकि राजधानी रांची में 33 मिमि एवं डाल्टनगंज में आठ मिमि वर्षा दर्ज की गयी है. इस बीच बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘यास' का प्रभाव झारखंड पर बुधवार से पड़ने की आशंका को देखते हुए इससे बचाव के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग के उच्चस्तरीय बैठक में मंगलवार को मुख्यमंत्री को आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने चक्रवाती तूफान ‘यास' के झारखंड में पड़ने वाले असर, बचाव तथा राहत को लेकर की गई तैयारियों से अवगत कराया.
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कौशल ने बताया कि झारखंड में चक्रवाती तूफान यास का असर 26-27 मई को ज्यादा पड़ेगा जबकि 28 को इसके धीमा पड़ जाने की संभावना है. इस बीच राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत चक्रवाती तूफान से बचाव और राहत को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं जिसके तहत अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं हो इसके लिए जेनरेटर आदि की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की आशंका है, ऐसे में लोगों को ठहरने के लिए शिविर की व्यवस्था की गई है. भारी बारिश से स्वर्णरेखा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है ऐसे में अधिकारियों को इन इलाकों की लगातार निगरानी करने को कहा गया है.
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उन्होंने बताया कि छह हजार से अधिक लोगों को तूफान के प्रभाव वाले क्षेत्रों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और लगातार प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी अधिकारी नजर बनाये हुए हैं. कौशल ने को बताया कि तूफान से प्रभावित होने की आशंका वाले जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बलर (एनडीआरएफ) की आठ कंपनियां तैनात की गयी हैं. तूफान के प्रभाव के 26 एवं 27 मई को सर्वाधिक प्रबल रहने की आशंका को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रशासन ने कोरोना वायरस के टीकाकरण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है और लोगों से अपने घरों में ही रहने की अपील की है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं