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This Article is From May 27, 2021

Cyclone Yaas: अरब सागर के तटीय इलाकों में चक्रवात से निपटने की चुनौती बढ़ती जा रही

कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप झेल रहे भारत को प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ रहा है. बीते एक पखवाड़े में भारत के तटीय इलाकों को दो चक्रवातों का सामना करना पड़ा है. ओडिशा के तटीय इलाकों में ताजा कहर यास चक्रवात ने बरपाया है.

Cyclone Yaas: अरब सागर के तटीय इलाकों में चक्रवात से निपटने की चुनौती बढ़ती जा रही
चक्रवात यास के बाद तटीय इलाको में भारी नुकसान। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप झेल रहे भारत को प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ रहा है. बीते एक पखवाड़े में भारत के तटीय इलाकों को दो चक्रवातों का सामना करना पड़ा है. ओडिशा के तटीय इलाकों में ताजा कहर यास चक्रवात ने बरपाया है. यास चक्रवात ओडीशा तट से 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराया. इस चक्रवात ने ओडिशा के तटीय इलाकों में काफी नुकसान किया है. लाखों लोग इस चक्रवात से प्रभावित हुए हैं.

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पिछले हफ्ते चक्रवात ताऊते ने गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में कहर बरपाया था. मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. महापात्रा ने एनडीटीवी से बातचीत में आगाह किया है की अरब सागर में हाई इंटेंसिटी वाले चक्रवात की फ्रीक्वेंसी में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. लोगों में यह डर है कि चक्रवात का यह ट्रेंड क्या आगे भी बना रहेगा? यह भी सवाल पैदा हो रहा है कि क्या चक्रवात की फ्रीक्वेंसी में बढ़ोतरी की वजह क्लाइमेट चेंज है?

डॉ महापात्रा ने कहा, ''मैं एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की समिति का सदस्य हूं. हमने चक्रवात का अध्ययन किया है, जिसमें हमने पाया की 1990 से अरब सागर में हाई इंटेंसिटी चक्रवात की फ्रीक्वेंसी बढ़ती जा रही है. अरब सागर में हाई इंटेंसिटी के चक्रवात की फ्रीक्वेंसी में बढ़ोतरी को हम सीधे तौर पर क्लाइमेट चेंज का असर नहीं कह सकते, लेकिन क्लाइमेट चेंज भी इसका एक कारण हो सकता है.

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बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की फ्रीक्वेंसी में बदलाव नहीं आया है. बंगाल की खाड़ी में जो चक्रवात तट से टकरा रहे हैं, उनकी वजह से तटीय इलाकों में नुकसान ज्यादा हो रहा है. डॉ महापात्रा ने कहा कि हमें अरब सागर से जुड़े भारत के तटीय इलाकों में चक्रवात की इंटेंसिटी में बढ़ोतरी से निपटने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी करनी होगी. इस कड़ी में हम अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को हम डेवेलप कर रहे हैं."

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