असम में विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assam Assembly Polls) के लिए दो लेफ्ट पार्टियों- CPI और CPI(ML) से हाथ मिला रही है. सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) को महागठबंधन की ओर से कड़ी चुनौती देने की दिशा में यह फैसला लिया गया है. दोनों लेफ्ट पार्टियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा (Ripun Bora) ने पत्रकारों से कहा कि सभी लेफ्ट पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गई हैं.
कांग्रेस ने 8 अक्टूबर को CPI(M) के नेताओं के साथ भी मीटिंग की थी. जिसके बाद दोनों दलों ने बीजेपी सरकार को हराने के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की घोषणा की थी. रिपुन बोरा ने इस बारे में कहा, 'असम और असम के लोगों के लिए आज बीजेपी सबसे बड़ा खतरा है. समय की मांग है कि सभी बीजेपी विरोधी ताकतें एकजुट हों और इस साम्प्रयादिक और भ्रष्ट सरकार को सत्ता से हटाएं.'
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मीटिंग में विपक्ष के नेता देवव्रत साइकिया, कांग्रेस नेता रकीबुल हुसैन, CPI के प्रदेश सचिव मुनीन महंता, CPI (ML) के प्रदेश सचिव रुबुल सरमा और अन्य नेता मौजूद थे. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) भी महागठबंधन में शामिल होने पर सहमति जता चुका है. नया क्षेत्रीय दल 'आंचलिक गण मोर्चा' भी महागठबंधन का हिस्सा है.
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बता दें कि 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए अगले साल मार्च-अप्रैल में चुनाव हो सकते हैं. 2016 में हुए चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. वर्तमान में बीजेपी के 60 विधायक हैं. असोम गण परिषद (AGP) के 14 और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के 12 विधायकों के समर्थन से बीजेपी ने सरकार बनाई है. एक निर्दलीय विधायक ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है. वहीं कांग्रेस के पास 23 और AIUDF के पास 14 विधायक हैं.
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