स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीका कोविशील्ड की मासिक उत्पादन क्षमता प्रतिमाह 11 करोड़ खुराकों से बढ़कर करीब 12 करोड़ तथा कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता प्रतिमाह 2.5 करोड़ खुराकों से बढ़कर करीब 5.8 करोड़ होने का अनुमान है. मंडाविया ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि कोविशील्ड सीरम इंस्टीट्यूट, पुणे द्वारा तैयार की गयी है जबकि कोवैक्सीन भारत बायोटेक इंटरनेशनल लि. हैदराबाद द्वारा बनायी गयी है. उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, कोविशील्ड टीके की मासिक उत्पादन क्षमता प्रतिमाह 11 करोड़ खुराकों से बढ़कर प्रतिमाह 12 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है वहीं कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता प्रतिमाह 2.5 करोड़ खुराकों से बढ़कर प्रतिमाह करीब 5.8 करोड़ होने का अनुमान है.
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साथ ही मंडाविया ने कहा, ‘इसके अतिरिक्त, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन जैव-प्रौद्योगिकी विभाग ने ‘मिशन कोविड सुरक्षा-भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन' शुरू किया है. यह मिशन जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) जैव-प्रौद्योगिकी औद्योगिक अनुसंधान सहायता परिषद द्वारा लागू किया जा रहा है.
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इस मिशन के तहत, कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत बायोटेक और हाफकाइन बायोफार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लि., मुंबई; इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लि. (आईआईएल), हैदराबाद और भारत इम्यूनोलॉजिकल्स बायोलोजिकल्स लि. (बिबकॉल), बुलंदशहर को सहायता दी गयी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने टीकों के अनुमोदन के लिए विनियामक मानदंडों को सरल और कारगर बनाया है.
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