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This Article is From Aug 03, 2021

भारत में क्यों है Covaxin की कमी? सरकारी वैक्सीन पैनल प्रमुख ने बताई वजह

टीकाकरण सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है, ऐसे समय में जब देश के कुछ हिस्सों में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं.

भारत में क्यों है Covaxin की कमी? सरकारी वैक्सीन पैनल प्रमुख ने बताई वजह
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

सरकार इस साल के अंत तक सभी वयस्कों को टीकाकरण के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोविड वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने की कोशिश कर रही है. सरकार के एक शीर्ष सलाहकार ने कहा, कि भारत बायोटेक के कोवैक्सिन की आपूर्ति इसलिए धीमी कर दी गई है क्योंकि बेंगलुरु में कंपनी के नए प्लांट के पहले कुछ बैच सही गुणवत्ता के नहीं थे. एनडीटीवी को दिए एक विशेष इंटरव्यू में, कोविड टास्क फोर्स के सदस्य एनके अरोड़ा ने कबूल किया कि सरकार को कोवैक्सिन के उत्पादन में बहुत तेज वृद्धि का यकीन था. लेकिन कंपनी के विश्व स्तर के सबसे बड़े प्लांट में क्वालिटी के मुद्दे को लेकर उम्मीदों को झटका लगा.

डॉ अरोड़ा ने कहा, 'वैक्सीन निर्माण लगभग रॉकेट साइंस की तरह है. हम कोवैक्सिन के उत्पादन में बहुत तेज वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे. उन्होंने बेंगलुरु में एक नया प्लांट शुरू किया है. इसके अलावा तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी कुल उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. हमें भारत बायोटेक से 10-12 करोड़ खुराक की उम्मीद है.' 

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साथ ही कहा कि, "बेंगलुरू प्लांट विश्व स्तर पर सबसे बड़े वैक्सीन निर्माण प्लांट में से एक था. लेकिन शुरुआती कुछ बैच गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे. ये बैच सही गुणवत्ता के नहीं थे. लेकिन अब तीसरा और चौथा बैच आ गया है. हमें उम्मीद है कि अगले चार या छह सप्ताह में भारत बायोटेक से वैक्सीन का उत्पादन वास्तव में बढ़ जाएगा.'

डॉ अरोड़ा ने बताया कि हाल ही में बैंगलुरू प्लांट ने बेहतर बैचों का उत्पादन शुरू किया है. उन्होंने कहा, 'वे सही गुणवत्ता के दूसरे बैच में हैं. अब तेजी से वृद्धि होगी. अगले कुछ हफ्तों में उत्पादन में तेजी से वृद्धि होगी.' साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन बैच की क्वालिटी सही नहीं थी, उन्हें राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के लिए जारी नहीं किया गया था. 

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टीकाकरण सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है, ऐसे समय में जब देश के कुछ हिस्सों में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं. और विशेषज्ञ तीसरी लहर की भविष्यवाणी कर रहे हैं जो अक्टूबर में किसी समय चरम पर हो सकती है.

अगर भारत दिसंबर तक सभी व्यस्कों को टीका लगाने का लक्ष्य पूरा करना चाहता है तो एक दिन में करीब एक करोड़ टीकाकरण के लिए एक महीने में 30 करोड़ खुराक की जरूरत होगी. इसका मतलब है कि भारत बायोटेक को उत्पादन एक या दो करोड़ प्रतिदिन से बढ़ाकर 10 करोड़ करना होगा. डॉ अरोड़ा से पूछा गया कि क्या यह संभव है?

उन्होंने इसका जवाब दिया कि मुझे लगता है कि अगले कुछ हफ्तों में यह संभव है कि वे उत्पादन में कई गुना वृद्धि करेंगे.

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