भारत में कोरोनावायरस के मामलों ने पिछले दस दिनों में तेज रफ्तार पकड़ी है. रविवार सुबह देश में डेढ़ लाख से ज्यादा केस रिपोर्ट किए गए और 300 से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हो गई. ऐसे में भारत में भी वैक्सीन मैंडेट (Vaccine Mandate) यानी हर जगह पर कोविड वैक्सीन की अनिवार्यता की मांग जोर पकड़ने लगी है. यानी सिर्फ उन्हीं लोगों को घर से बाहर मेट्रो-बस जैसी परिवहन सेवाओं, सिनेमा, होटल मॉल-पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों या सरकारी या निजी कार्यालयों में काम करने की इजाजत दी जाए, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हों. पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्य सरकारों ने ऐसे कई सख्त फैसले लागू भी कर दिए हैं.
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. गजेंद्र सिंह ने कहा कि वैक्सीनेशन की अनिवार्यता एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है. वैसे ज्यादातर सरकारी और निजी कंपनियां, कारोबार, स्कूल-कॉलेजों में यह लागू हो चुका है. राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक कार्यक्रमों में इसे शामिल करने के लिए कई राज्य काम कर रहे हैं. लेकिनभारत में असंगठित क्षेत्र बहुत बड़ा है, जिसमें करोड़ों लोग काम करते हैं, उनके बीच वैक्सीनेशन मैंडेट लागू करना मुश्किल भरा है. हवाई सेवा में यह लागू हो चुका है. रेल, मेट्रो या बस सेवा के लिए भी ऐसा करने की बात हो रही है, लेकिन इसे अमलीजामा पहनाना व्यावहारिक तौर पर कठिन हो सकता है.
गजेंद्र सिंह के मुताबिक, कोविड प्रोटोकॉल या वैक्सीन मैंडेट का कार्य सरकारें खुद अकेले नहीं कर सकतीं. राज्य,जिला और अन्य स्तरों पर एजेंसियों के जरिये ही यह संभव हो सकता है, इसके लिए गाइडलाइन तय की जा सकती है. लेकिन फिर वही सवाल है कि असंगठित क्षेत्र में इसे कैसे लागू किया जाएगा. केंद्र या राज्य सरकारें सोचा हुआ निर्णय लेंगी तो यह सफल हो सकता है. सिंह ने कहा, सरकारी, निजी कार्यालयों, मंदिरों, सामाजिक समारोहों या अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों की तरह राजनीतिक रैलियों के लिए भी वैक्सीनेशन अनिवार्य करने पर सभी पक्षों की राय से ही कोई निर्णय़ हो सकता है.स्वास्थ्य राज्यों का विषय है, केंद्र को दिशानिर्देश की आवश्यकता है.
राजनीतिक रैलियों में वैक्सीन मैंडेट लागू करने के सवाल पर एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा ने कहा कि यह बेहद चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इन चुनावी रैलियों के बगैर भी काम चल सकता है, ऐसे माहौल में तो चुनाव 2-3 महीनों के लिए टाल दिए जाने चाहिए. इसके लिए चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को मिलकर फैसला लेना होगा. रैलियों में मास्क-सैनेटाइजर का कोई असर नहीं होगा.
एम्स के पूर्व निदेशक ने कहा, इतने बड़े पैमाने पर लोगों के जुटने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता और न ही कोविड प्रोटोकॉल का. तब तक पता लग जाएगा कि महामारी किस ओर बढ़ रही है. नाइट कर्फ्यू भी इसी उद्देश्य से लगाया गया है कि रात में वैवाहिक समारोह, रेस्टोरेंट-बार, पब या ऐसे अन्य स्थानों पर लोग न जाएं और दिन के वक्त आर्थिक गतिविधियों को जारी रखा जा सके. जोखिम आम जनता को ही है, लिहाजा उन्हें स्वयं अपनी जान का ध्यान रखना होगा. जब देश में वैक्सीन उपलब्ध हैं तो उसे न लगवाने का कोई बहाना ठीक नहीं है.
जानिए कहां क्या नियम----
हरियाणा : एक जनवरी से मॉल, सिनेमा हॉल, होटल-रेस्तरां जैसी जगहों पर जाने के लिए कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होना अनिवार्य हो जाएगा. सब्जी मंडी, अनाज मंडी, वाइन शॉप, लोकल या हॉट बाजार, डिपार्टमेंटल स्टोर में जाने के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य होगा. दोनों डोज लगे बिना इन स्थानों पर जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा. पूर्ण वैक्सीनेशन वाले लोगों को ही बस स्टैंड या रेलवे स्टेशनों से यात्रा करने की इजाजत होगी.
राशन लेने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी- धार्मिक स्थलों, पेट्रोल पंप, सीएनजी स्टेशन, एलपीजी गैस सिलेंडर कलेक्शन सेंटर, मिल्क बूथ औऱ राशन की दुकानों में भी सिर्फ दोनों वैक्सीन लगवा चुके लोगों को ही सामान मिलेगा. सरकारी और निजी बैंकों में भी सिर्फ वहीं लोग जा सकेंगे, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ली हों. कॉलेज, पॉलीटेक्निक और यूनिवर्सिटी में भी 18 साल से ऊपर के सभी छात्रों के लिए वैक्सीनेशन के आधार पर ही प्रवेश मिल पाएगा. पार्क योगशाला, जिम या फिटनेस सेंटर भी यही नियम लागू होगा. ट्रक औऱ ऑटो रिक्शा यूनियन भी सिर्फ दोनों डोज ले चुके लोगों को ही बैठाएंगी.
राजस्थान : सरकार ने सभी सार्वजनिक स्थलों पर नए साल से कोविड-19 का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य कर दिया है. यानी जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, वो ही सर्टिफिकेट दिखाकर पार्क, किले, स्मारक या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जा सकेंगे. गोवा सरकार ने भी ऐलान कर दिया है कि कोविड-19 की निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट या दोनों डोज का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट नए साल के जश्न से जुड़े किसी भी समारोह में भाग लेने के लिए जरूरी होगा.
महाराष्ट्र - उद्धव ठाकरे सरकार ने भी कोविड वैक्सीनेशन को सार्वजनिक स्थलों पर प्रवेश के लिए अनिवार्य किया है. सार्वजनिक परिवहन के लिए इसकी कवायद की जा रही है. सरकारी और निजी कार्यालयों में ये पहले ही लागू हो चुका है.
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