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This Article is From Jun 08, 2020

मुंबई की अस्पतालों की नर्स और वॉर्ड बॉय को BMC का नोटिस, 'काम पर लौटो वरना....'

नर्सों और वॉर्ड बॉय की गैरमौजूदगी के चलते महानगर के सिविल अस्पतालों में कोरोना वायरस रोगियों की गंभीर देखरेख में मुश्किलें आ रही है. इसमें किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्पताल भी शामिल है जिसमें बड़ी संख्या में मरीज गंभीर स्थिति में हैं.

मुंबई की अस्पतालों की नर्स और वॉर्ड बॉय को BMC का नोटिस, 'काम पर लौटो वरना....'
मुंबई में कोरोना वायरस केसों की संख्‍या 47 हजार के पार पहुंच चुकी है
मुंंबई:

Covid-19 Pandemic: बृहनमुंबई महानगर पालिका (BMC) ने 'गैरहाजिर' चल रहे अपनी सिविल अस्‍पतालों की नर्सों और वॉर्ड बॉय (Nurses and ward boys) को चेतावनी जारी की है. बीएसमी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर वे नर्स और वॉर्ड बॉय कल काम पर नहीं लौटते हैं तो उन्‍हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. गौरतलब है कि बीएससी ने अनुपस्थित कर्मचारियों का एक मेमो जारी किया गया था क्योंकि काम के लिए आने वाले मना करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों की तीन दिन की नोटिस की अवधि समाप्‍त हो गई् थी. गौरतलब है कि इनकी गैरमौजूदगी के चलते महानगर के अस्पतालों में कोरोना वायरस रोगियों की गंभीर देखरेख में मुश्किलें आ रही है. इसमें किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्पताल भी शामिल है जिसमें बड़ी संख्या में मरीज गंभीर स्थिति में हैं.

KEM अस्पताल के एक डॉक्टर ने NDTV को बताया,  "COVID-19 वार्ड, विशेष वार्ड हैं, जिनमें एक नर्स के पास कम से कम चार बेड की जिम्‍मेदारी होती है. इसलिए हमें 40 बेड वाले COVID-19 वार्ड में कम से कम 10 नर्सों की आवश्यकता है. अभी हमारे पास पूरे वार्ड के लिए केवल दो नर्सें हैं. कभी-कभी हमारे पास केवल एक वार्ड बॉय होता है और कभी-कभी वह भी नहीं होता है." अधिकारियों के अनुसार, शहर के सिविल अस्पतालों में 50% स्टाफ की कमी है. महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "सबसे ज्‍यादा कमी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों (वार्ड बॉय और अटेंडेंट जो शव उठाते हैं) की है. कई कर्मचारी बीमारी के डर से काम पर नहीं आ रहे हैं क्योंकि उन्‍हें नॉन कोरोना वायरस वार्ड में उचित सुरक्षा किट प्रदान नहीं की गई हैं." 

इस बीच, नर्सिंग स्टाफ के एक एसोसिएशन ने स्‍टाफ की गैरमौजूदगी की निंदा की, साथ ही नॉन कोरोना वायरस वार्ड में अच्छी गुणवत्ता वाले सुरक्षा उपकरणों की मांग दोहराई. क्‍लीनिकल नर्सिंग एंड रिसर्च सोसायटी की उपाध्यक्ष डॉ स्वाति राणे ने कहा, "72 घंटे की नोटिस अवधि के बाद भी काम पर नहीं लौटना स्वीकार्य नहीं है. चिकित्सा और नर्सिंग प्रशासन दोनों को स्वस्थ कार्य का माहौल प्रदान करने की जरूरत है.'' सोमवार को, नर्सों ने आरोप लगाया कि उनके कुछ सहयोगी जो क्‍वारंटाइन हैं, उनका नाम भी अनुपस्थित कर्मचारियों की सूची में डाल दिया गया है. प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि क्‍वारंटाइन नर्सों के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. गौरतलब है कि अकेले मुंबई में कोरोना वायरस के 47,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. यहां अब तक 1,575 लोगो को वायरस के कारण जान गंवानी पड़ी हैं.

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