दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली (Delhi) में हुए दंगों (Riots) से जुड़े मामले में शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की जमानत याचिका पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित कर लिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने बचाव पक्ष के वकील और सरकारी वकील की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. इमाम के वकील तनवीर अहमद मीर ने अदालत को बताया कि अंतहीन अथवा सतत साजिश नहीं हो सकती तथा जनवरी 2020 में उसकी गिरफ्तारी के बाद आरोपी की उस हिंसा में कोई भूमिका नहीं है, जो फरवरी 2020 में दिल्ली के कुछ हिस्सों में हुई थी.
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उन्होंने कहा,‘‘हम एक ऐसा तंत्र बर्दाश्त नहीं कर सकते, जहां साजिशें अंतहीन हो जाएं.'' सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि आरोपी बड़ी साजिशों का हिस्सा था और उसमें शामिल था ये साबित करने के लिए बहुत सारे सबूत हैं.'' गौरतलब है कि इमाम पर फरवरी 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगों का मुख्य षड्यंत्रकारी होने का आरोप है. इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गयी थी और सात सौ से अधिक लोग घायल हो गए थे.
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इससे पहले, उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिनेश यादव नाम के शख्स को 5 साल की सज़ा सुनाई है. अभियोजन पक्ष के वकील आरसीएस भदौरिया ने इस बात की पुष्टि की. यादव को एक महिला के घर में लूट और आगजनी के मामले में पांच साल की कैद दी गई है. दिल्ली के गोकुलपुरी के भागीरथी विहार में 70 साल की महिला मनोरी का घर है, जिसमें लूटपाट कर आगजनी करने के आरोप में कोर्ट ने इसी इलाके में रहने वाले दिनेश यादव को 5 साल की सज़ा सुनाई थी. यह पहला मामला है जब उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए भीषण दंगों में किसी को सज़ा सुनाई गई.
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