राजस्थान में इतालवी जोड़े को छोड़कर सभी संदिग्धों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई

राजस्थान में इतालवी जोड़े को छोड़कर सभी संदिग्ध लोगों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

राजस्थान में इतालवी जोड़े को छोड़कर सभी संदिग्धों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई

कोरोना वायरस को रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर कोशिश जारी है

नई दिल्ली:

राजस्थान में इतालवी जोड़े को छोड़कर सभी संदिग्ध लोगों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) रोहित कुमार ने शुक्रवार को कहा, 'अब तक कुल 282 लोगों के नमूनों की जांच की गई है. इनमें से 280 लोगों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव और दो लोगों (इतालवी जोड़े) की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.'' उन्होंने कहा कि अब किसी भी व्यक्ति की जांच रिपोर्ट आनी बाकी नहीं है. इतालवी जोड़े को यहां एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है.  वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को लोगों से कोरोना वायरस को लेकर किसी भी तरह की अफवाह से बचने का सुझाव दिया और कहा कि कोई भी परेशानी आने पर तुरंत डाक्टर की सलाह लें. प्रधानमंत्री ने जन औषधि दिवस के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्‍यम से अपने संबोधन में कहा, 'कोरोना वायरस को लेकर मैं सभी देशवासियों से प्रार्थना करता हूं कि किसी भी तरह की अफवाह से बचें. कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें.'

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उन्होंने कहा, 'पूरी दुनिया आजकल नमस्ते की आदत डाल रही है. हमें भी आजकल हाथ मिलाने के बजाए, नमस्ते करना चाहिए.' प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में अभी तक 31 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.  केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा को सूचित किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के संदेह में देश में कुल 29,607 लोगों को चिकित्सा निगरानी में रखा गया है.  बहरहाल, मोदी ने कहा कि जन औषधि परियोजना के कारण पहले की तुलना में इलाज पर खर्च बहुत कम हो गया है. अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को 2000-2500 करोड़ रुपए की बचत जन औषधि केंद्रों के कारण हुई है. 

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उन्होंने कहा, 'जैसे-जैसे ये नेटवर्क बढ़ रहा है, वैसे ही इसका लाभ भी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है. आज हर महीने एक करोड़ से अधिक परिवार इन जन औषधि केंद्रों के माध्यम से बहुत सस्ती दवाइयां ले रहे हैं.' जेनेरिक दवाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने सुझाव दिया, 'कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर डॉक्टर जेनेरिक दवाएं ही लिखें। मेरा आप सभी लाभार्थियों से भी निवेदन रहेगा कि अपने अनुभवों को अधिक से अधिक साझा करें. इससे जन औषधि का लाभ ज्यादा मरीज़ों तक पहुंच सकेगा.' प्रधानमंत्री ने कहा कि जन औषधि केंद्रों के साथ-साथ वितरण, गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला जैसे अनेक दूसरे साधनों का भी एक नेटवर्क तैयार हो रहा है, जिसमें हजारों युवा साथियों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं.  उन्होंने कहा कि ये योजना सस्ती दवाओं के साथ-साथ आज दिव्यांगजनों सहित अनेक युवा साथियों के लिए आत्मविश्वास का बहुत बड़ा साधन भी बन रही है. 



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)