वयस्कों के मुकाबले बच्चों में कम होता है कोरोना वायरस संक्रमण : केंद्र सरकार

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में दी राहत भरी जानकारी, दो सांसदों ने पूछा था सवाल

वयस्कों के मुकाबले बच्चों में कम होता है कोरोना वायरस संक्रमण : केंद्र सरकार

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा (Lok Sabha) में लिखित जानकारी देते हुए कहा कि ''विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जिस सीमा तक बच्चे कोरोना को फैलाने में योगदान देते हैं उसे पूर्ण तरह समझा नहीं जा सकता है. बच्चों में वयस्कों की तुलना में संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता कम प्रतीत होती है. आम तौर पर बच्चों में संक्रमण कम होता है. वर्तमान साक्ष्य भी यह संकेत देते हैं कि वयस्कों की तुलना में बच्चों में संक्रमण के मुख्य संचारक होने की संभावना कम होती है.'' लोकसभा के दो सांसद सुमेधानंद सरस्वती और देवजी एम पटेल ने सवाल पूछा था कि 'क्या वैज्ञानिक शोधों के माध्यम से यह पता चला है कि बच्चों पर कोरोना वायरस (Coronavirus) का कम प्रभाव पड़ता है, अगर हां तो इसके बारे में क्या विवरण है?'

स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने जानकारी दी कि 'भारत में 0-17 वर्ष की आयु के बच्चे कुल मामलों (कुल कोरोना मामले) के 8% के लिए उत्तरदायी हैं, जो वैश्विक तौर पर सूचित आंकड़ों के समान हैं. आम तौर पर बच्चे कोविड-19 संक्रमण से कम बीमार होते हैं और कोविड-19 के कारण गंभीर रूप से बीमार होना केवल कभी कभी देखा जाता है.'

यह भी पढ़ें : कोरोना वायरस का कहर, संसद का मानसून सत्र जल्द समाप्त करने पर विचार

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

केंद्र सरकार की तरफ से दी गई यह जानकारी सभी माता-पिता के लिए ही नहीं बल्कि देश के स्तर पर भी बहुत राहत भरी है क्योंकि माना जाता है कि बच्चों में बड़ों के मुकाबले प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. लेकिन सवाल यह भी है कि क्या भारत सरकार का फिलहाल ये आकलन कहीं इस कारण तो नहीं कि देश के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान पूरी तरह से कोरोना काल शुरू होते ही बंद कर दिए गए थे और आज तक सब बंद ही हैं. इस दौरान बच्चे ज्यादातर घरों में ही रहे हैं. कहीं इस कारण तो ये आकलन नहीं है? हालांकि भारत सरकार के मुताबिक यह केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर देखा गया है, तो ऐसे में यह खबर राहत भरी तो है ही.