कोरोना का कहर: वूहान में फंसे भारतीय दंपति ने इमरजेंसी संदेश भेजकर मांगी मदद, कहा- अपने अपार्टमेंट में हम अकेले बचे...

वुहान में फंसे भारतीय प्रोफेसर आशीष यादव और उनकी पत्नी नेहा ने वीडियो संदेश भेजकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

कोरोना का कहर: वूहान में फंसे भारतीय दंपति ने इमरजेंसी संदेश भेजकर मांगी मदद, कहा- अपने अपार्टमेंट में हम अकेले बचे...

वुहान में फंसे भारतीय दंपति ने मोदी सरकार से लगाई मदद की गुहार.

खास बातें

  • वुहान में फंसे भारतीय ने इमरजेंसी संदेश भेजकर मांगी मदद
  • उत्तर प्रदेश के एटा जिले के रहने वाले हैं आशीष यादव
  • आशीष यादव और उनकी पत्नी नेहा ने मोदी सरकार से मदद मांगी
लखनऊ:

चीन में कोरोना वायरस से 1700 से ज्यादा मौतों के बाद भी वहां फंसे हुए भारतीयों में बेचैनी है. चीन के वूहान शहर जहां से इस बीमारी की शुरुआत हुई थी अभी भी वहां करीब 130 भारतीय फंसे हुए हैं. करीब सवा करोड़ आबादी वाला पूरा शहर एक महीने से बंद कर दिया गया है. बाजार, स्कूल, कॉलेज, दफ्तर सबकुछ बंद है और किसी को घर से निकलने की इजाजत नहीं है. वहां फंसे एक भारतीय प्रोफेसर आशीष यादव और उनकी पत्नी नेहा ने वीडियो संदेश भेजकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

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बता दें कि सवा करोड़ की आबादी वाले वूहान शहर को मध्य चीन की आर्थिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक राजधानी माना जाता है. कोरोना के खौफ से यहां सबकुछ बंद है. सारे बाजार, मॉल, दफ्तर, 25 यूनिवर्सिटीज, 350 से अधिक इंस्टीट्यूट्स और पूरी आबादी घरों में कैद है. यहां के टेक्सटाइल यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर आशीष यादव ने कुछ यहां का और कुछ अपना हाल बताया है और मदद की मांग की है.

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आशीष यादव ने वीडियो संदेश भेजकर कहा, 'ये शहर पूरा वीरान हो चुका है. यहां पर एक दो ही गाड़ियां चल रही हैं. चिड़ियों की चहचहाहट भी सुन सकते हैं. यहां पर कुछ भी नहीं है. हमलोग जिस बिल्डिंग में रहते हैं वह भी पूरी तरह से खाली हो चुकी है. हमने सात बोतल पानी इकट्ठा किया था वह भी खत्म होता जा रहा है. हमलोगों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. अब हमारे पास केवल एक ही पानी का बोतल बचा हुआ है. हमारे पास ज्यादा खाना भी नहीं बचा है. कुछ सब्जियां बची हुई हैं. हमलोग सब्जियों से सहारे ही हैं. हमारी यह गुजारिश है कि जल्द से जल्द हमारी गुहार भारत सरकार तक पहुंचा दें. आशीष ने प्रधानमंत्री से अपील की कि हमें जल्द से जल्द यहां से निकालने और भारत पहुंचाने में मदद करें.

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बता दें कि कोरोना वायरस की शुरुआत वूहान से ही हुई थी. चीन में अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों में यह संक्रमण फैल चुका है. 7 हजार से ज्यादा शक के दायरे में हैं. ऐसे में वुहान में फंसे 130 भारतीय बेइंतहा परेशान हैं. आशीष की पत्नी नेहा ने भी मदद की अपील की है. नेहा यादव ने वीडियो संदेश में कहा, 'मैं यहां कम्प्यूटर साइंस में पीएचडी कर रही थी. हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि हमें यहां से बाहर निकालिये. हम यहां पर बहुत बुरे फंस गए हैं. यहां पर हमलोगों की स्थिति हर दिन खराब होती जा रही है और ऐसा लगता ही नहीं है कि यहां कब सुधार होगा. हमें कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. भारत सरकार हमारी मदद करे, ताकि हम यहां से निकल सके.

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बता दें कि आशीष यादव उत्तर प्रदेश के एटा जिले के रहने वाले हैं. जहां उनके मां-बाप भी अपने बेटे-बहू के लिए परेशान हैं. आशीष के पिता भंवर सिंह यादव ने कहा कि, 'वे आना चाहते हैं, लेकिन परेशना हैं इस समय. हम भी परेशान हैं और वह भी परेशान हैं. बार-बार फोन कर रहा है.

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फिलहाल वूहान में रहने वाले भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि इस हफ्ते के आखिर तक भारतीय जहाज दवा और जरूरत की चीजें लेकर वहां पहुंचने वाला है. जिसमें काफी भारतीय वापस आ सकेंगे.

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