देश में जारी कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को यह साफ कर दिया है कि प्लाजमा थेरेपी (Plasma Therapy) से कोरोनावायरस (Coronavirus) के इलाज का अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा कि इसे लेकर सभी दावे गलत हैं और अभी भी हम एक्सपेरिमेंटल स्टेज पर ही हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि प्लाज्मा थेरेपी अभी भी प्रायोगिक है, जब इसे लेकर कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल जाता इसका उपयोग किसी के द्वारा नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि यह रोगी के लिए हानिकारक हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि ICMR ने कोविड-19 के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी की प्रभावकारिता का अध्ययन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन शुरू किया है.
इस बीच देश में कोरोनावायरस का मामला 30 हजार के करीब पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 29 हजार 974 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1594 नए मामले सामने आए हैं और 51 लोगों की मौत हुई है. वहीं, देश में कोरोना से अब तक 937 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 7027 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. हालांकि 20 अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान उन इलाकों में कुछ छूट भी दी गई है, जहां कोरोना के मामले कम हैं.
VIDEO: कोरोना के इलाज में प्लाजमा थेरेपी से मिल सकती है कामयाबी ?
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