अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक स्वच्छता सुपरवाइजर की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गयी. वह 58 वर्ष के थे. सूत्रों ने बताया कि वह वेंटिलेटर पर थे और रविवार शाम करीब 7.30 बजे उनकी मृत्यु हो गयी. उन्होंने बताया कि वह एम्स के स्थायी कर्मचारी थे और संस्थान के ओपीडी विभाग में तैनात थे.एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ श्रीनिवास राजकुमार टी ने ट्वीट किया कि देश की सेवा में एक और कोरोना योद्धा ने अपना जीवन अर्पण कर दिया.उन्होंने कहा, "एम्स ने अपना एक महत्वपूर्ण योद्धा खो दिया है. यह वायरस बहुत खतरनाक और संचारी है तथा यह किसी को भी नहीं छोड़ता है.''
एम्स एससी / एसटी इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप धिगान ने आरोप लगाया कि पर्यवेक्षक को बुखार और सांस लेने में तकलीफ थी. उसके बाद उन्होंने खुद ही 16 मई को एम्स में जांच करवाई. उन्होंने आरोप लगाया कि उनका मामला जांच के लिए मानदंडों को पूरा नहीं करता था, इसलिए उनका कोविड-19 के लिए परीक्षण नहीं किया गया. बाद में उनकी स्थिति बिगड़ने पर 19 मई को उन्हें एमरजेंसी में ले जाया गया था.धिगान ने कहा कि बाद में जांच में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुयी.
श्रीनिवास ने कहा, "संस्थान में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए हम कल निदेशक के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे." पिछले हफ्ते एम्स की एक कैंटीन में एक कर्मचारी की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गयी थी.
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