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This Article is From Jan 09, 2022

"यहां नहीं है कोरोना": कर्नाटक कांग्रेस ने बंदिशों के बावजूद शुरू किया विरोध मार्च

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने एनडीटीवी से कहा ... कोई कोरोना वायरस नहीं है, कोई बीमारी नहीं है, दस दिन की पदयात्रा शुरू की

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"यहां नहीं है कोरोना":  कर्नाटक कांग्रेस ने बंदिशों के बावजूद शुरू किया विरोध मार्च
कर्नाटक कांग्रेस की पदयात्रा डीके शिवकुमार के नेतृत्व में शुरू हुई.
बेंगलुरु:

कर्नाटक में 8,906 कोविड मामलों की रिपोर्ट के एक दिन बाद (जून के मध्य के बाद से एक दिन में सबसे अधिक) कांग्रेस ने 10 दिवसीय विरोध मार्च शुरू किया. यह विरोध एक पेयजल परियोजना को लेकर है. इसमें महामारी प्रोटोकॉल की अवहेलना करते हुए हजारों की भीड़ शामिल हुई. इसमें शामिल लोगों ने न तो फेस मास्क का उपयोग किया और न ही सामाजिक दूरी बनाए रखी.

मार्च - 'हमारा पानी, हमारा अधिकार' का नेतृत्व विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने किया. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "कोई कोरोना नहीं है ... कोई बीमारी नहीं है." रामनगर जिले में पदयात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया गया था.

शिवकुमार ने एनडीटीवी से कहा, "हम पानी के लिए चल रहे हैं. भाजपा सरकार हमें रोकना चाहती है ... लेकिन यहां कोई कोरोना वायरस नहीं है, कोई बीमारी नहीं है. उन्होंने केवल धारा 144 (बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए) लागू की और कहा कि कोई भी इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकता है." 

यह मार्च 10 दिनों में 100 किमी की दूरी तय करने वाला है. कर्नाटक सरकार द्वारा वीकेंड कर्फ्यू का आदेश देने के बावजूद यह यात्रा आज से शुरू हुई, जबकि कर्फ्यू सोमवार सुबह 5 बजे तक प्रभावी है.

इस मार्च के दृश्यों में हजारों लोग तेज में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े, नेता भाषण देते हुए दिख रहे हैं. मार्च के दौरान ही कई लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अवहेलना की और बहुत कम लोग फेस मास्क पहने दिखे.

डीके शिवकुमार ने लोगों से घिरे होने के बावजूद फेस मास्क भी नहीं पहना था.

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कर्नाटक में पिछले 72 घंटों में 22,000 से अधिक COVID-19 के नए मामले दर्ज किए गए हैं. रामनगर जिले में शनिवार को 28 नए मामले दर्ज किए गए.

जिला प्रशासन ने पहले शिवकुमार को नोटिस दिया था कि वे कर्फ्यू का उल्लंघन न करें, लेकिन कांग्रेस नेता ने अनुरोध को खारिज कर दिया और कार्यक्रम नहीं रोका.

डीके शिवकुमार ने कहा कि 100 से अधिक विधायक, 200 पूर्व विधायक, मंत्री और साथ ही अभिनेता और धार्मिक नेता या तो इस मार्च में भाग ले रहे थे या उन्होंने अपना समर्थन दिया था, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा इसे रोकने के लिए COVID-19 के खतरे का उपयोग कर रही है.

उन्होंने एनडीटीवी  से कहा कि "ऐसा नहीं होगा. वे (भाजपा सरकार) केवल (भय) पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. यहां कोई बीमारी नहीं फैली है ... जब मुख्यमंत्री ने बैंक्वेट हॉल में शपथ ली तो 5,000 से अधिक लोग थे. वह वहां नहीं फैला... यहां क्यों फैला?" 

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस के भव्य विरोध के समय पर सवाल उठाया है और नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, "गठबंधन सरकार (जब कांग्रेस और जेडीएस सत्ता में थी) के दौरान डीके शिवकुमार जल संसाधन मंत्री थे... तब उनकी ओर से कोई पहल नहीं की गई थी. कोई चर्चा नहीं हुई थी..."

10 दिवसीय मार्च बेंगलुरु में समाप्त होने वाला है, जहां कोविड पॉजिटिविटी रेट पहले से ही 10 प्रतिशत से अधिक है. शहर में शनिवार को 7,113 नए मामले सामने आए.

देश में पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के मामलों में भयावह वृद्धि हुई है. अधिक संक्रामक ओमिक्रॉन चिंता बढ़ा रहा है. कर्नाटक में दिसंबर में भारत के ओमिक्रॉन कोविड के दो पहले मामले सामने आए थे. अब यह मामले  441 हो चुके हैं.

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