रेप पीड़िता से शादी के लिए दोषी (Rape Victim Wants to Marry Convict) को जमानत देने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार किया है.सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि हाईकोर्ट ने सोच समझ कर सभी मुद्दों पर विचार किया है. कोर्ट ने कहा कि हम इसमें दखल नहीं देना चाहते. दरअसल केरल (Kerala) के इस मामले में दोषी और पीड़िता दोनों सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. पीड़िता की वकील ने कहा कि उसका चार माह का बच्चा है. इसलिए दोषी को दो महीने की अंतरिम जमानत दी जाए ताकि वो दोषी के साथ शादी कर सके. इससे वो अपने बच्चे को वैधानिक तौर पर पिता का नाम दे सके. ये उसके शादी करने के मौलिक अधिकार के तहत आता है.
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रेप के आरोप में जेल में बंद पादरी (Catholic Priest) से पीड़िता शादी करना चाहती है. आरोपी को फरवरी 2019 में रेप का दोषी ठहराया गया था. इसके बाद आरोपी को कोर्ट ने 20 साल की जेल की सजा सुनाई थी. साथ ही आरोपी को वेटिकन द्वारा भी पादरी के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. आरोपी ने पीड़िता के साथ रेप किया था और इसके बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी.चर्च ने आरोपी को पद से हटाने के लिए अनिवार्य कदम उठाने भी शुरू कर दिए थे.
आखिरकार साल 2020 में बड़ा कदम उठाते हुए आरोपी को सभी पदों से बर्खास्त कर दिया गया था. लड़की कैथोलिक परिवार से संबंध रखती है और आरोपी रॉबिन वडक्कुमचेरी पादरी के रूप में एक चर्च में काम करता था. मई 2016 में, पीड़िता 10वीं का एग्जाम देने के बाद आरोपी पादरी के पास पहुंची थी. यहां पीड़िता कुछ डाटा-एंट्री का काम करती थी.दोपहर के समय जब पीड़िता अकेली थी तो आरोपी पादरी पीड़िता को बेडरूम में ले गया था और उसके साथ रेप किया था.
पादरी ने पीड़िता को कहा था कि वह इस घटना का जानकारी किसी को नहीं देगी, जिसके बाद उसे आरोपी ने वहां से छोड़ दिया था. पीड़िता ने परिजनों को इस बारे में कुछ नहीं बताया. वह स्कूल चली गई, रोज़ाना स्थानीय चर्च में भी जाती थी.रेप के कारण पीड़िता गर्भवती हो गई, लेकिन किसी को इसकी जानकारी नहीं मिली. 7 फरवरी 2017 को पीड़िता के पेट में अचानक दर्द उठा और इसके बाद उसे पास के अस्पताल में ले जाया गया. मामला गंभीर होता देख अस्पताल ने कन्नू स्थित क्रिस्टू राजा अस्पताल में रेफर कर दिया.
जांच में पता चला कि पीड़िता गर्भवती थी। पीड़िता ने बाद में बच्चे को जन्म दिया. पीड़िता ने इसके बाद अपनी मां को आपबीती बताई. परिवार ने इसकी शिकायत की तो आरोपी ने अस्पताल का सारा खर्च दिया. आखिरकार रेप के आरोप में फरवरी 2017 में पादरी को गिरफ्तार कर लिया गया. केरल हाईकोर्ट ने ऐसी ही याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
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