दिल्ली के स्कूल में "केरल के अधिकारी" के दौरे को लेकर आप नेता के ट्वीट पर छिड़ा विवाद

आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने दावा किया था कि केरल के अधिकारी दिल्ली के एजुकेशन मॉडल के क्रियान्वयन की जानकारी के लिए नई दिल्ली आए थे. आप विधायक आतिशी ने इन्हें केरल के अधिकारी बताया था.

दिल्ली के स्कूल में

आप विधायक आतिशी ने इन्हें केरल के अधिकारी बताया था. 

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी (AAP MLA Atishi) के एक ट्वीट के बाद दिल्ली और केरल के एजुकेशन मॉडल (Kerala Education Model) को लेकर नया विवाद छिड़ गया है. दिल्ली सरकार के एक बयान में, "अधिकारियों" को "गणमान्य व्यक्ति" और "शिक्षाविद" के तौर पर बताया गया था. दरअसल, आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने दावा किया था कि केरल के अधिकारी दिल्ली के एजुकेशन मॉडल (Delhi Education Model) के क्रियान्वयन की जानकारी के लिए नई दिल्ली आए थे. आप विधायक आतिशी ने इन्हें केरल के अधिकारी बताया था. लेकिन केरल के शिक्षा मंत्री ने इस दावे पर सवाल उठा दिए. दिल्ली सरकार की शिक्षा समिति की अध्यक्ष आतिशी ने ट्वीट कर कहा था, "कालकाजी के एक स्कूल में केरल के अधिकारियों की मेहमानवाजी करना अदभुत था. वो हमारे एजुकेशन सिस्टम को समझने और उसे अपने राज्य में लागू करने को लेकर उत्साहित थे.यह अरविंद केजरीवाल की सरकार के सहयोग के जरिये विकास से राष्ट्र निर्माण के विचार को दिखाती है."

इसके उलट में केरल के शिक्षा मंत्री वी सिवनकुट्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने रविवार को ट्वीट में कहा, केरल के शिक्षा विभाग ने किसी को भी दिल्ली मॉडल को समझने के लिए नहीं भेजा है. इससे इतर, पिछले महीने दिल्ली से आए अधिकारियों को केरल मॉडल के बारे में जानकारी देने के लिए सभी तरह की मदद मुहैया कराई गईं. इसके तुरंत बाद ही आप विधायक ने जवाब में अधिकारियों के नाम भी गिनाए.

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उन्होंने लिखा, "सीबीएसई स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के क्षेत्रीय सचिव विक्टर टी आई और केरल सहोदया कांप्लेक्स के संघ के डॉ. दिनेश बाबू ने कालकाजी में डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का दौरा किया था. " उन्होंने केरल के शिक्षा मंत्री को तथ्यों की दोबारा जांच करने की भी सलाह दी. साथ ही दिल्ली सरकार का प्रेस को दिया बयान भी जारी किया. हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि ये अधिकारी केरल के थे, लेकिन केरल सरकार से जुड़े हुए नहीं थे. दिल्ली सरकार की प्रेस रिलीज में अधिकारियों को गणमान्य व्यक्ति और शिक्षाविद लिखा गया था.